नौसेना प्रमुख एडमिरल सुनील लांबा ने हिंद महासागर क्षेत्र (आईओआर) में समुद्री सुरक्षा बढ़ाने के लिए सहयोगपूर्ण भागीदारी के महत्व को दोहराया है।नेवल वार कॉलेज द्वारा प्रथम बार आयोजित गोवा समुद्री विचार गोष्ठी का शुभारंभ करते हुए श्री लांबा ने कहा कि नौसेना की हमेशा से ही ऐसी सोच रही है और यह सरकार की सागर (क्षेत्र में हर किसी के लिए सुरक्षा और विकास) की समावेशी विकास की पहल के अनुरूप है। एडमिरल लांबा ने इस पहल के लिए कॉलेज की सराहना की और पहले क्षेत्रीय समुद्री सुरक्षा कोर्स में ग्रेजुएट कर रहे अंतरराष्ट्रीय अधिकारियों को पुरस्कृत किया। उन्होंने अधिकारियों से ज्ञान के साथ आगे आने और गोवा में रुकने के दौरान भागीदारी को बेहतर और ज्यादा सुरक्षित भविष्य के लिए विकसित करने का आह्वान किया।
दो दिवसीय विचार गोष्ठी में क्षेत्रीय समुद्री सुरक्षा को मजबूत बनाना, हिंद महासागर क्षेत्र में अंतर सक्रियात्मकता बढ़ाना, नौचालन की स्वतंत्रता की चुनौतियां और आईओआर में समुद्री सुरक्षा की चुनौतियों का मूल्यांकन किया गया। इन विषयों में से प्रत्येक में राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर के जाने-माने वक्ताओं एडमिरल राजा मेनन, अरुण प्रकाश, सुरेश मेहता, विजय शंकर, प्रदीप चौहान, कमोडोर उदय भास्कर, प्रोफेसर जिओफ्रे टिल, विजय सखूजा, दत्तेश पारुलेकर और टोमोको कियोता ने अपने विचार प्रस्तुत किए। विचार गोष्ठी में बांग्लादेश, इंडोनेशिया, मलेशिया, मालदीव, म्यांमार और श्रीलंका के वरिष्ठ अधिकारियों ने सक्रिय भागीदारी की और अनुभव, सरोकारों और संबंधित देशों के दृष्टिकोण को प्रस्तुत किया।
नेवी वार कॉलेज के कमांडेट रियर एडमिरल मोंटी खन्ना ने अपने संबोधन में कहा कि ‘हर उप-विषय में व्यापक चर्चा की गई और हमने क्षेत्रीय सुरक्षा तंत्र के कई पहलुओं पर विचार विमर्श किया। इसके साथ ही भविष्य की समुद्री चुनौतियों और उनका सफलतापूर्वक सामना करने पर चर्चा की।
इस विचार गोष्ठी के दौरान मुख्य रूप से समुद्री जागरूकता पर ध्यान केंद्रित किया गया जिससे भागीदारी प्रणाली को मजबूत बनाया जा सके। इस दौरान भारतीय नौसेना की वर्ष 2008 से जारी पहल इंडियन ओसन नेवल सिंपोजियम (आईओएनएस) जैसी मौजूदा प्रणाली को मजबूत बनाने का भी सुझाव दिया गया।
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