Monday 15 June 2015

मन की बात में बोले प्रधानमंत्री मोदी : लागू करेंगे वन रैंक, वन पेंशन

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार 31 मई की मन की बात में  सेवानिवृत सैन्य कर्मियों को आश्वासन दिया कि उनकी सरकार वन-रैंक-वन पेंशन (ओआरओपी) के उलझे हुए मसले का जल्द ही हल निकालेगी और सेवानिवृत सैन्य कर्मियों का हित उनके लिए विश्वास और देशभक्ति का मसला है। मोदी ने रविवार को अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम मन की बात में कहा, पूर्व सैन्यकर्मियों का हित मेरे लिए विश्वास और देशभक्ति का मसला है।
उन्होंने कहा, यह सरकार, मैं फिर दोहराता हूं कि यह सरकार ओआरओपी मसले का हल जरूर निकालेगी। मैं प्रधानमंत्री की हैसियत से बात नहीं कर रहा हूं। 40 सालों से ओआरओपी एक सवाल है और अब तक इस बारे में कोई कदम नहीं उठाया गया है।
 सालों से लंबित ओआरओपी की मांग पूरी नहीं होने के कारण सरकार से नाराज देश की सशस्त्र सेना के सेवानिवृत हो चुके सैनिकों ने कहा था कि वे इस मुद्दे पर केंद्र सरकार के साथ ल ंबी लड़ाई के लिए तैयार हैं और अगले महीने अपना आंदोलन शुरू करेंगे।
 मोदी ने ओआरओपी के मुद्दे को जटिल और 40 सालों से लंबित बताते हुए कहा कि सरकार के संबंधित अधिकारी इस मुद्दे का हल निकालने में जुटे हैं। उन्होंने पूर्व सैन्यकर्मियों से मुद्दे को लेकर राजनीतिक रूख नहीं अपनाने का आग्रह किया।
 मन की बात में जनता को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने हाल ही में शुरू की गई सामाजिक सुरक्षा योजनाओं पर संतोष जताया। उन्होंने यह भी कहा कि वह देश में गरीबी के खिलाफ गरीबों की फौज खड़ी करना चाहते हैं।
मोदी ने कहा, 20 दिनों में ही 8.52 करोड़ लोग इस परियोजना से जुड़े। यह जनता के लिए केंद्र सरकार की ओर से सामाजिक उत्थान के लिए शुरू की जा रही पहलों पर उनके भरोसे को दर्शाता है। प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना, प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना और अटल पेंशन योजना देश में सामाजिक सुरक्षा सुनिश्चित करने की दिशा में महत्वपूर्ण पहल हैं।
 प्रधानमंत्री ने कहा कि इससे पहले एक रूपया प्रतिमाह पर सुरक्षा योजनाएं शुरू करना सोच से परे बात थी। उन्होंने कहा, सरकार गरीबों को आत्मनिर्भर और सशक्त देखना चाहती है, ताकि उन्हें जीविका के लिए दूसरों पर निर्भर न रहना पड़े।
प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि वर्तमान में योग विश्व को जोड़ने का एक उत्प्रेरक कारक बन गया है और यह वसुधैव कुटुंबकम के परिदृश्य में भी बेहद प्रासंगिक है। मोदी ने देशवासियों से आग्रह किया कि 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के रूप में सफल बनाएं। उन्होंने विश्वकल्याण और मानवता के लिए योगदूत बनने और दुनिया के लिए योग की शिक्षा को सुलभ बनाने का भी आग्रह किया।
प्रधानमंत्री ने हाल ही में शुरू किए गए डीडी किसान चैनल को किसानों के लिए खुला विश्वविद्यालय बताते हुए कहा, यह कृषि और कृषि से संबंधित क्षेत्रों से जुड़े हर शख्स के लिए हितकारी है। मोदी ने किसानों और मछुआरों से पेशे को उन्नत बनाने के लिए डीडी किसान चैनल का ज्यादा से ज्यादा लाभ उठाने का आग्रह किया।
उन्होंने मन की बात में केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) की परीक्षा में सफल विद्यार्थियों को बधाई और शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा कि सफल छात्र/छात्राएं अपनी योग्यता के आधार पर भविष्य का पाठयक्रम चुनें। मोदी ने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा, जो विद्यार्थी परीक्षा में सफल नहीं हो पाए हैं, उन्हें निराश होने की जरूरत नहीं है। इस असफलता को नए विकल्पों की तलाश के अवसर के रूप में लें। सफलता और असफलता जीवन का हिस्सा हैं। हम असफलताओं से भी बहुत कुछ सीख सकते हैं।

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