1. भारतीय वायु सेना ने 25 अप्रैल, 2015 से 04 जून, 2015 तक मानवीय सहयोग और आपदा राहत का विशाल काम किया। नेपाल
में भूकंप आने के 4 घंटे के अंदर ही भारतीय वायु सेना सक्रिय हो
गई और उसने एक सी-130 जे हवाई जहाज, दो सी-17 हवाई जहाज और एक आईएल-76 हवाई जहाज को काम पर लगा दिया। इसके अलावा
राष्ट्रीय आपदा मोचक बल के 295 कर्मियों को हवाई जहाज से पहुंचाया गया। साथ
ही 46.5 टन राहत सामग्री और पांच खोजी कुत्तों को भी नेपाल भेजा
गया।
2. एक माह से अधिक समय तक
काम आने वाली राहत सामग्री प्रचुर मात्रा में भेजी गई। इसके साथ ही पानी, मैदानी अस्पताल, कंबल, तंबू, पैरामेडिक, स्ट्रेचर, दवा, तैयार भोजन, दूध, बर्तन, सब्जी, तुरंत खाने वाला भोजन, आरओ यंत्र, ऑक्सीजन रीजेनेरेटर, वायु सेना संचार केंद्र वाहन,
त्वरित कार्रवाई चिकित्सा
दल, ऑपरेशन थियेटर, एक्स-रे, प्रयोगशाला, मरीजों के लिए बिस्तर आदि भेजे गए।
3. वायु सेना ने सी-130 जे सुपर हरक्युलिक्स, सी-17 ग्लोब मास्टर 3, आईएल-76 जैसे भारी माल वाहक विमानों तथा एएन-32 जैसे मध्यम माल वाहक विमानों को तैनात किया। इसके अलावा एमआई-17 वी5 और एमआई-17 जैसे आठ मध्यम माल वाहक हेलिकॉप्टरों की
सेवाएं भी ली गईं।
4. पोखरा और काठमांडू से
एमआई-17 वी5 और एमआई-17 ने बड़े पैमाने पर राहत
और बचाव कार्य किया। ये कार्रवाई लुकला, धाडिंग, मिलांची, गोरखा, चौतारा, चरीकोट, मेलम, अरोघाट, धुनचे, त्रिशुली, रामेछाप, बारपाक, नारायणछोर, नामची बाजार, ततोपानी, लामाबागर और भूकंप पीड़ित अन्य दूर-दराज के
गांवों तथा दुरूह स्थानों तक राहत काम को अंजाम दिया।
5. राहत और बचाव कार्य के दौरान विभिन्न विमानों द्वारा
1677 उड़ानें भरी गईं, जिनमें
भारतीय वायु सेना के हेलीकॉप्टरों द्वारा 1569 भरी
गई उड़ानें शामिल हैं। इस दौरान 1348.995 टन
सामान ले जाया गया तथा 5188 लोगों
और 780 शवों को निकाला गया।
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