आओ अक्षत रोली चंदन लेकर,
तिलक लगायें उनके भाल पर।
जो देश के खातिर कुर्बान हो गये,
गये धरा को लहू से लाल कर।
हमारे आज के लिए जिन्होंने,
अपने कल को कुर्बान किया।
देश हित को ऊपर रखकर,
स्व हित का बलिदान दिया।
ऐसे धीर वीर रणधीरों का,
आओ हम स्तुति गान करें।
माला, फूल कुमकुम लेकर,
उनका हम सब सम्मान करें।
देश रहेगा तुम्हारा सदा ऋणी,
तुम देश के ऋण से उऋण हुए।
हे देश के बलिदानी सपूतों ,
तुम्हारी गरिमा गगन छुए ।।
- हरी राम यादव
7087815074
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