Wednesday 25 October 2017

रक्षा क्षेत्र में स्वदेशीकरण महत्वपूर्ण है : रक्षा राज्य मंत्री

रक्षा राज्य मंत्री डॉ. सुभाष भामरे ने कहा है कि स्वदेशीकरण किसी भी संगठन के लिए महत्वपूर्ण होता है। लेकिन रक्षा क्षेत्र के लिए यह अधिक आवश्यक है क्योंकि इससे आत्मनिर्भरता बढ़ती है, जो राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण है। उन्होंने आज यहां समस्याओं के समाधान के लिए “भारतीय सेना का स्वदेशी प्रौद्योगिकीय सशक्तिकरण” विषय पर एक सम्मेलन का उद्घाटन किया।

डॉ. भामरे ने कहा है कि सभी हितधारकों को स्वदेशीकरण के महत्व को पूरी तरह से अपनाना चाहिए और भविष्य के सभी अधिग्रहण कार्यक्रमों में “मेक इन इंडिया” को लागू करना चाहिए। उन्होंने भारतीय सेना की सराहना करते हुए कहा कि सेना ने इस उद्देश्य की दिशा में न केवल कई पहल की है बल्कि सैन्य डिजाइन ब्यूरो भी गठित किया है, जो भारतीय उद्योग तथा शैक्षणिक समुदायों की चर्चाओं और सहभागिता सुविधा उपलब्ध कराने के लिए असाधारण संगठन है।

रोजमर्रा के सभी पहलुओं में प्रौद्योगिकी व्याप्त है यह कहते हुए उन्होंने बताया कि युद्ध में इसकी प्रासंगिगता सबसे महत्वपूर्ण है और बेहतर प्रौद्योगिकियों वाले पक्ष की हमेशा जीत होगी। उन्होंने कहा, ‘पूरी तरह से स्वदेश में विकसित प्रौद्योगिकी से रक्षा क्षेत्र सही मायने में आत्मनिर्भर होगा।’ रक्षा राज्य मंत्री ने बताया कि हाल ही में सरकार ने रक्षा और अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में प्रौद्योगिकी विकसित करने के लिए कई पहल की है। रक्षा मंत्रालय में विशिष्ट परियोजनाओं के लिए प्रौद्योगिकीय विकास कोष है। उन्होंने कहा कि देश में मेड इन इंडिया मंच को पूरी तरह से अंगीकार करने के लिए स्किल इंडिया और स्टार्ट अप इंडिया जैसी पहलों से रक्षा क्षेत्र में आवश्यक पारिस्थितिकीय तंत्र का निर्माण होगा।

डॉ. भामरे ने कहा है कि सरकार ने रक्षा क्षेत्र को अपने ‘मेक इन इंडिया’ कार्यक्रम के केंद्र में रखा है। उन्होंने कहा कि विभिन्न कंपनियां देश के अत्यधिक प्रतिभावान और कुशल जन बल का उपयोग कर भारत में निवेश करने की इच्छा व्यक्त कर रही हैं। इस क्षेत्र में काफी संभावनाएं हैं और मित्र देशों को भी उत्पादों का निर्यात किया जा सकता है। डॉ. भामरे ने समारोह स्थल पर समाधान और नवाचार की एक प्रदर्शनी का भी उद्घाटन किया।

कार्यक्रम में सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने कहा कि सेना के लिए आवश्यक उपकरणों की जरूरतों के बारे में जानकारी हासिल करने के लिए सेना ने देश में शैक्षिक और उद्योग को प्रोत्साहित किया है।

इस अवसर पर फिक्की के महासचिव डॉ. संजय बारू, भारत फोर्ज लिमिटेड के मुख्य प्रबंध निदेशक (सीएमडी) श्री बाबा एन कल्याणी और लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) सुब्रत साहा ने भी अपने विचार रखे।

इस कार्यक्रम में भारतीय सेना, रक्षा मंत्रालय, फिक्की के वरिष्ठ अधिकारी और उद्योग तथा शैक्षिक समुदाय के कई प्रतिनिधि शामिल हुए।

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