तीसरा सशस्त्र बल पूर्व सैनिक दिवस आज देशभर में सैनिक उत्साह और उल्लास के साथ मनाया जा रहा है। प्रमुख कार्यक्रम - पूर्व सैनिकों की रैली का आयोजन दिल्ली छावनी में मानेकशॉ सेंटर में किया गया। इसका उद्घाटन रक्षा राज्य मंत्री डॉ. सुभाष भामरे ने किया।
पूर्व सैनिकों को संबोधित करते हुए डॉ. भामरे ने कहा, ‘’आपके द्वारा प्रदर्षित कर्तव्य के प्रति निस्वार्थ समर्पण और आप में से प्रत्येक के द्वारा किये गये बलिदानों को शब्दों में व्यक्त नहीं किया जा सकता। यकीन के साथ कहा जा सकता है कि केवल आपके सशक्त सैन्य बलों की बदौलत आज भारत का हर एक नागरिक खुद को सुरक्षित महसूस करता है और उसके भीतर गर्व के साथ विश्व का सामना करने का विश्वास है।‘’
रक्षा राज्य मंत्री ने पूर्व सैनिकों के कल्याण और पुनर्वास की दिशा में किये गये उपायों पर प्रकाश डाला। उन्होंने सैनिकों और पूर्व सैनिकों के बीच मजबूत रिश्तों तथा राष्ट्र निर्माण के प्रति पूर्व सैनिकों के निरंतर योगदान की सराहना की।
इस प्रकार के कार्यक्रमों का आयोजन करने के लिए सशस्त्र बलों की सराहना करते हुए डॉ. भामरे ने कहा, ‘’आज के यौद्धा आने वाले कल के पूर्व सैनिक हैं।”
रैली में सम्मानित अतिथि के तौर पर सेना के तीनों अंगों के प्रमुख तथा सेना के तीनों अंगों के पूर्व प्रमुख उपस्थित थे। इस रैली में लगभग 2,000 पूर्व सैनिकों ने भाग लिया। यह एक अनोखा कार्यक्रम था, क्योंकि इसमें तीनों सेनाओं के पूर्व सैनिकों ने शिरकत की।
सशस्त्र बल पूर्व सैनिक दिवस हमारे सशस्त्र बलों के प्रथम कमांडर इन चीफ फील्ड मार्शल के एम करियप्पा की सेवानिवृत्ति की याद में मनाया जाता है, जो 14 जनवरी, 1953 को सेवानिवृत्त हुए थे। सशस्त्र बल पूर्व सैनिक दिवस के अवसर पर देश में 10 से ज्यादा स्थानों पर कार्यक्रम आयोजित किये गये।
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