पुलवामा दिवस
लोटकर वतन की मिट्टी में, खुशबू को करते महसूस है इम।।01।।
चिर यौवन को भी कर समर्पित,
देश को रखते महफूज है हम।।2।।
फौलादी जिगर रख फोजी बनते,
दुश्मनों के लिए नासूर है हम।।03।।
पलवामा और उरी पे तुम इतराते,
शिव संकल्प संहारक है हम
।।04।।
रही है फितरत तुम्हारी गद्वारी की,
वंशज दशरथ नंदन राम है हम।।05।।
न करना आगे हिमाकत कोई तुम,
पीओ के की तैयारी के 'अभिनन्दन "है इम।।06।।
अतः सुन हुँकार "आदित्य" की अब,
छेड़ने पर पर छोड़ने की सोचते भी नहीं हम।।08।।
वरुण आदित्य प्रकाश
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