Tuesday 17 September 2019

सेना द्वारा जम्‍मू-कश्‍मीर के किश्‍तवाड़ जिले के छात्रों के लिए भारतीय सैन्‍य अकादमी- देहरादून और दिल्‍ली की यात्रा का आयोजन

भारतीय सेना द्वारा जम्‍मू-कश्‍मीर के किश्‍तवाड़ जिले के 22 छात्रों और तीन शिक्षकों के लिए नई दिल्‍ली और भारतीय सैन्‍य अकादमी की 10 दिनों की एक क्षमता विकास यात्रा आयोजित की गई। यात्रा पूरी कर लौटने पर छात्रों और शिक्षकों का 11 सितंबर, को बटोट में भव्‍य रस्‍मी स्‍वागत किया किया गया।  

दस दिनों की इस यात्रा में 2 सितंबर से 11 सितंबर के बीच किश्‍तवाड़ के युवाओं को देहरादून के प्रतिष्ठित भारतीय सैन्‍य अकादमी और वन अनुसंधान संस्‍थान तथा दिल्‍ली में राष्‍ट्रपति भवन, इंडिया गेट और राष्‍ट्रीय युद्ध स्‍मारक जैसी ऐतिहासिक धरोहरों के अलावा विज्ञान संग्रहालय और नेहरू तारामंडल भी देखने का अवसर प्राप्‍त हुआ।

देहरादून का भारतीय सैन्‍य अकादमी इस यात्रा का मुख्‍य आकर्षण रहा। अकादमी में छात्रों और शिक्षकों को कैडेटों की प्रशिक्षण गतिविधियों के साथ ही वहां उपलब्‍ध विश्‍वस्‍तरीय अवसंरचनाओं को देखने का अवसर भी मिला। यात्रा में शामिल छात्रों को अकादमी के खेत्रपाल आडिटोरियम भी ले जाया गया जहां उन्‍हें मेकिंग ऑफ वारियर नाम की एक फिल्‍म दिखाई गई जिसका उद्देश्‍य युवाओं को देश की सशस्‍त्र सेना में शामिल होने के लिए प्रेरित करना था। यात्रा टीम को भारतीय सेना के बड़े अधिकारियों से मिलने का अवसर भी दिया गया ताकि उनमें एक तरह का आत्‍मविश्‍वास पैदा हो सके।

यात्रा का उद्देश्‍य छात्रों को भारतीय सेना तथा सरकारी क्षेत्र में उपलब्‍ध रोजगार के अवसरों की जानकारी देना भी था। इस दौरान उन्‍हें ख्‍याति प्राप्‍त बालनोई अकादमी भी दिखाने ले जाया गया जहां छात्रों को सेना में शुरूआती स्‍तर पर अधिकारिक सेवाओं के लिए आयोजित प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए तैयार किया जाता है।

छात्रों को 10 दिन की यात्रा के दौरान मेट्रो ट्रेन की सवारी, सेलेक्‍ट सिटी मॉल, मसूरी शहर तथा सिनेमा हॉल भी देखने का मौका मिला जो उनके लिए एक रोमांचकारी अनुभव रहा, क्‍योंकि किश्‍तवाड़ जैसे छोटे जगह से आए इन छात्रों को पहली बार यह सब देखने का अवसर मिला था। छात्र ‘मिशन मंगल’  फिल्‍म देखकर भी काफी रोमांचित हुए।  

यात्रा से वापस आने के बाद छात्र और शिक्षक अपने स्‍कूल के लोगों और गांववासियों के साथ काफी उत्‍सकुता के साथ यात्रा अनुभव बांटते देखे गए। उन्‍होंने ऐसी शिक्षाप्रद यात्रा आयोजित करने के लिए सेना को धन्‍यवाद दिया।

भारतीय सेना जम्‍मू-कश्‍मीर के दूर-दराज के क्षेत्रों के छात्रों के लिए नियमित रूप से ऐसी यात्राओं का आयोजन करती रही है।

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