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Tuesday, 27 June 2023

वीरगति दिवस पर विशेष - तोलोलिंग के टाइगर कैप्टन विजयंत थापर, वीर चक्र

 वीरगति दिवस पर विशेष : (29 जून 1999)


तोलोलिंग के टाइगर कैप्टन विजयंत थापर, वीर चक्र

    वर्ष 1999, इतिहास का वह समय था जब हमारे धोखेबाज पड़ोसी ने हमारी मातृभूमि के कारगिल, द्रास, मश्कोह, बटालिक आदि की गगनचुंबी पहाड़ियों पर जबरन धोखे से कब्जा जमा लिया था और स्वयं को शूरवीर समझ बैठा था। उसे यह भान नहीं था कि भारतीय सेना के जांबाज और शेरदिल सैनिक कभी भी पहले किसी की संप्रभुता पर प्रहार नहीं करते और यदि कोई उनकी संप्रभुता पर वार करता है तो उससे आर-पार करते हैं।  अकारण थोपे गये इस युद्ध में हमारे देश के वीरों ने वह रणकौशल दिखलाया कि दुनिया हक्की-बक्की रह गयी। पाकिस्तान द्वारा अजेय समझें जाने वाले इस युद्ध में हमारे देश के सैनिकों ने पाकिस्तान को भागने के लिए मजबूर कर दिया। आज ऐसे ही एक वीर योद्धा का वीरगति दिवस है जिनका नाम है - कैप्टन विजयंत थापर, वीर चक्र।


    कैप्टन विजयंत थापर का जन्म नया नांगल पंजाब में 26 दिसंबर 1976 को एक सैन्य परिवार में कर्नल वी एन थापर और श्रीमती तृप्ता थापर के घर हुआ था। इनकी स्कूली शिक्षा डी ए वी कालेज, चण्डीगढ में हुई। इन्होंने 12 दिसम्बर 1998 को भारतीय सेना की सेना सप्लाई कोर में कमीशन लिया था। कैप्टन विजयंत थापर आपरेशन विजय के समय 2 राजपूताना राइफल्स में सम्बध्द थे।  


    वर्ष  1999 में 2 राजपूताना राइफल्स कुपवाड़ा में आतंक विरोधी अभियान चला रही थी। यूनिट को जंग के ऐलान के बाद घुसपैठियों को खदेड़ने के लिए द्रास सेक्टर में लाया गया। 28 जून 1999 को कैप्टन विजयंत थापर अपनी यूनिट की अल्फा कम्पनी की एक अग्रिम प्लाटून का नेतृत्व कर रहे थे।  उनकी यूनिट को थ्री पिम्पल्स, नॉल और लोन हिल क्षेत्र पर कब्ज़ा करने की जिम्मेदारी दी गयी। हमले की शुरुआत तब हुई जब कैप्टन विजयंत थापर की यूनिट पूर्णिमा की रात को बिना किसी छुपाव के सीधी चढ़ाई वाली पहाड़ी पर आगे बढ़ रही थी। दुश्मन की ओर से तोपखाने की भारी गोलाबारी हो रही थी। इस गोलाबारी में 2 राजपूताना राइफल्स के काफी सैनिक घायल हो गये जिससे हमला कुछ देर के लिए बाधित हो गया। अपने दृढ़ संकल्प के साथ कैप्टन थापर दुश्मन का सामना करने के लिए अपने सैनिकों के साथ आगे बढ़े। वह पूर्णिमा की रात थी और उस स्थान पर कब्जा करना बहुत कठिन था। दुश्मन की 6 नॉर्दर्न लाइट इन्फैंट्री  पहाड़ी के ऊपर बंकरों में थी। 


    रात 8 बजे हमला शुरू हुआ हमारे तोपखाने ने कवरिंग फायर देना शुरू किया। दोनों ओर से गोलीबारी शुरू हो गई और आसमान तोप के गोलों और रॉकेटों की आवाज से कांप उठा। इस भीषण गोलीबारी में 2 राजपूताना राइफल्स के कैप्टन विजयंत थापर हमले का नेतृत्व करते हुए आगे बढ़ रहे थे। इसी बीच  कैप्टन विजयंत थापर के रेडियो आपरेटर सिपाही जगमाल सिंह वीरगति को प्राप्त हो गये।  कैप्टन थापर की कंपनी ने नॉल पर अपना कब्ज़ा जमा लिया। इस हमले में  कंपनी कमांडर मेजर पी आचार्य वीरगति को प्राप्त हो चुके थे।  कैप्टन थापर ने मेजर पी आचार्य के वीरगति के समाचार से गुस्से से भर गये और दुश्मन को सबक सिखाने के लिए अपने साथी नायक तिलक सिंह के साथ आगे बढ़े। दोनों ने महज 15 मीटर की दूरी पर दुश्मन से दो दो हाथ करना शुरू कर दिया। दुश्मन की तीन मशीनगनें उनकी ओर गोलीबारी कर रही थीं। लगभग डेढ़ घंटे की भीषण गोलीबारी के बाद कैप्टन थापर को एहसास हुआ कि दुश्मन की मशीनगनों को चुप कराना होगा नहीं तो वह  आगे नहीं बढ़ सकते।


    नॉल से आगे की पहाड़ी बहुत संकरी और चढ़ाई वाली थी और केवल 2 या 3 सैनिक ही एक साथ चल सकते थे। यहां दुश्मन से  खतरा बहुत ज्यादा था और इसलिए कैप्टन थापर ने नायक तिलक सिंह के साथ खुद आगे बढ़ने का फैसला किया।  उन्होंने उत्तर की ओर से हमले का नेतृत्व करना चाहा लेकिन दुश्मन की मीडियम मशीन गनों से हो रही फायरिंग बाधा खड़ी़ कर रही थी। वे निडर होकर अपनी यूनिट की जयघोष की गर्जना के साथ दुश्मन पर फायर करते हुए और हैंड ग्रेनेड फेंकते हुए दुश्मन पर टूट पड़े़।


    इस कार्यवाही के दौरान वह गंभीर रूप से घायल हो गये लेकिन अपने साथियों को आगे बढ़़ते रहने के लिए प्रेरित करते रहे। उनके साहस और जोश को देखते हुए उनके साथियों ने दुश्मन पर दुगुने जोश से आक्रमण किया और दुश्मन पर हावी हो गये। इस कार्रवाई ने दुश्मन को अपनी स्थिति छोड़ने के लिए मजबूर कर दिया लेकिन ज्यादा घायल हो जाने के कारण कैप्टन विजयंत थापर वीरगति को प्राप्त हो गये। 


    कैप्टन विजयंत थापर ने अपूर्व साहस, वीरता और नेतृत्व क्षमता का प्रदर्शन करते हुए दुश्मन को नोल से भागने पर मजबूर कर दिया और सेना की उच्च परम्पराओं को कायम रखते हुए अपना सर्वोच्च वलिदान दिया। उनकी वीरता और साहस  के लिए उन्हें 15 अगस्त 1999 को युद्ध काल के तीसरे सबसे बड़े सम्मान "वीर चक्र" से सम्मानित किया गया।


कैप्टन थापर का वह आखिरी खत


    डियर पापा, मम्मी...जब तक आप लोगों को मेरा यह खत मिलेगा, मैं दूर ऊपर आसमान से आप लोगों को देख रहा होऊंगा।  मुझे कोई शिकायत, अफसोस नहीं है। अगर, मैं अगले जन्म में फिर से इंसान के रूप में ही पैदा होता हूं तो मैं भारतीय सेना में ही भर्ती होने जाऊंगा और अपने देश के लिए लडूंगा, अगर हो सके तो आप जरूर उस जगह को आकर देखना, जहां आपके कल के लिए भारतीय सेना लड़ रही है।


    जहां तक यूनिट की बात है नए लड़कों को इस शहादत के बारे में बताया जाना चाहिए। मुझे उम्मीद है मेरा फोटो मेरे यूनिट के मंदिर में करनी माता के साथ रखा जाएगा। जो कुछ भी आपसे हो सके करना, अनाथालय में कुछ पैसे देना, कश्मीर में रुखसाना को हर महीने 50 रुपए भेजते रहना। योगी बाबा से भी मिलना। बर्डी को मेरी तरफ से बेस्ट ऑफ लक। 


    देश पर मर मिटने वाले इन लोगों का ये अहम बलिदान कभी मत भूलना, पापा आप को तो मुझ पर गर्व होना चाहिए, मम्मी आप मेरी दोस्त से मिलना, मैं उससे बहुत प्यार करता हूं। मामा जी मेरी गलतियों के लिए मुझे माफ कर देना। ठीक है फिर, अब समय आ गया है, जब मैं अपने साथियों के पास जाऊं। बेस्ट ऑफ लक टू यू ऑल। लिव लाइफ किंग साइज। 

             - आपका रॉबिन 


    यह शब्द तोलेलिंग के टाइगर कैप्टन विजयंत थापर के उस आखिरी खत के हैं जिसको उन्होंने जंग में जाते समय अपने एक मित्र को इस हिदायत के साथ दिया था कि यदि मैं शहीद हो गया तो इसे मेरे घर पर पहुंचा देना और यदि वापस आया तो फाड़कर फेंक देना।


सैनिक जीवन से हटकर  जिन्दगी

    रूखसाना जम्मू और कश्मीर के कुपवाड़ा स्थित सैन्य शिविर के पास रहने वाले एक नागरिक की बेटी थी । आतंकवादियों ने उसके पिता की हत्या कर दी थी।  सदमे और डर के कारण वह बच्ची हमेशा चुप रहती थी। एक दिन उस बच्ची पर कैप्टन थापर की नजर पड़ी तो उन्होंने उस बच्ची के चुप रहने के कारण को वहां के नागरिकों से जानने का प्रयास किया। जब उन्हें पता चला कि पिता की आतंकवादियों द्वारा की गयी हत्या से यह परेशान है तो उन्होंने उसे भरोसा दिलाया की सेना उसके साथ है। कैप्टन थापर उसे अपनी बेटी की तरह मानने लगे। उनके प्रयासों से वह बच्ची सामान्य होने लगी    


    कैप्टन थापर रूखसाना  को सालाना पचास रुपये की पॉकेटमनी भी दिया करते थे। इसलिए कैप्टन थापर ने खत में कहा कि वह अगर नहीं रहे तब भी रुखसाना को 50 रुपये देते रहें। बेटे की चाहत पूरी करते हुए उनके पिता कर्नल वी एन थापर हर साल कारगिल युद्ध की वर्षगांठ पर द्रास सेक्टर की उन पहाड़ियों तक जाते हैं और रुखसाना से भी मिलते हैं।


      - हरी राम यादव

        7087815074



Monday, 26 June 2023

जनतंत्र में जन की आवाज - हरी राम यादव

जनतंत्र में जन की आवाज


सरकारी साधन बन गया,

    दृश्य मीडिया आज।

जनहित के मुद्दों से रहा न, 

    अब कोई उसको काज।


विज्ञापन के बल झुक गये,

    आज देश के अखबार।

जन की बात उठाने वालों के,

   "हरी" रही हाथ में न पतवार।


लेखक जन की बात करें न,

    न लिखें जन से जुड़े सवाल।

पुरस्कार के यत्न में केवल,

    रोज गला रहे अपनी दाल।


प्रशस्ति गान लिख लिख कर,

    कविगण रहे खूब इठलाय ।

अपना काम बने हर दिन,

     चाहे देश रसातल में जाय।


जन की आवाज को जनतंत्र में,

    पहुंचाने के यह सब आधार।

यशगान करने लगें जब यह ,

   समझो प्रजातंत्र का बंटाधार।।


     - हरी राम यादव

       7087815074

Monday, 19 June 2023

अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस - हरी राम यादव

 अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस

   योग शब्द का शाब्दिक अर्थ जुड़ना है। सांख्यिकी दृष्टि से यदि हम देखें तो जब हम दो संख्याओं को एक साथ जोड़ते हैं तो दोनों के मिलने से जो योगफल होता है वह वृद्धि लिए होता है।  योग का अर्थ हर क्षेत्र में वृद्धि से होता है। मनुष्य के जीवन में योग का भी वही अर्थ है जो सांख्यिकी दृष्टि से दो संख्याओं को जोड़ने से प्राप्त योगफल से है, अर्थात वृद्धि। योग मनुष्य को शारीरिक और मानसिक रुप से स्वस्थ बनाता है, शरीर को विकारों से रहित करता है तथा दीर्घायु बनाता है। योग एक प्राचीन शारीरिक और मानसिक अभ्यास है जिसकी उत्पत्ति हमारे देश में हुई थी।


    आज योग दुनिया भर में विभिन्न रूपों में प्रचलित है और इसकी लोकप्रियता लगातार बढ़ रही है। योग का उद्देश्य मन की शांति और आत्म जागरूकता हेतु ध्यान की आदत विकसित करना है, जो तनाव मुक्त वातावरण में जीवित रहने के लिये आवश्यक है। योग कैसे तनाव को दूर करता है और शरीर को कैसे स्वस्थ रखता है , उस महत्व को बताता है। नियमित रूप से योग करने से मोटापा,डायबिटीज, उच्च रक्तचाप जैसी अनेकों बीमारियों पर नियन्त्रण पाया जा सकता है। योग करने से कई बीमारियों को जड़ से दूर किया जा सकता है।


    सन्  2015 में 21 जून को योग दिवस मनाने का फैसला लिया गया। हमारे मस्तिष्क में यह प्रश्न आता  है कि 21 जून को ही योग दिवस क्यों मनाया जाता है? इसके पीछे जो कारण है वह है 21 जून को उत्तरी गोलार्द्ध का सबसे लंबा दिन होना, जिसे लोग ग्रीष्म संक्रांति भी कहते हैं। भारतीय परंपरा के अनुसार, ग्रीष्म संक्रांति के बाद सूर्य दक्षिणायन होता है। ऐसा माना जाता है कि सूर्य के दक्षिणायन होने का जो समय होता है वह सकारात्मक ऊर्जा से भरपूर होता है। इसी कारण 21 जून को अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाया जाता है।


    संयुक्त राष्ट्र महासभा में वर्तमान प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के प्रस्ताव को मंजूरी मिलने के बाद 21 जून 2015 को पहला अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाया गया। इस पहले योग दिवस के दिन लगभग 35 हजार लोगों ने दिल्ली के राजपथ पर योगासन किया था । इस योग दिवस में 84 देशों के प्रतिनिधि शामिल हुए थे और 21 योगासनों का अभ्यास किया गया था।


    यदि हम वर्तमान परिदृश्य में देखें तो योग बहुत ही आवश्यक बन गया है। अब मनुष्य के जीवन से शारीरिक श्रम काफी हद तक निकल चुका है। आज की पीढ़ी सूचना क्रांति और यांत्रिक शक्ति वाली पीढ़ी है। एक जगह एक ही स्थिति में बैठकर दिन रात काम करती है और फास्ट फूड खाती है। वह दाल, चावल और रोटी खाने वाले को पुरातन मानती है। वह यह नहीं जानती है कि भारत के पुरातन व्यवहार और आदतें ही दीर्घायु का रहस्य हैं। एक ही स्थिति में एक जगह बैठकर काम करने से जो शारीरिक और मानसिक तनाव उत्पन्न होता है उससे निजात पाने के लिए कहीं भी एक स्थान पर बैठकर योग किया जा सकता है।


     तेजी से बढ़ते जनसंख्या के घनत्व के कारण खुली जमीन सिकुड़ती जा रही है। वाहनों की अधिकता के कारण सड़कें यमराज की संगिनी बन गयी हैं। पगडंडियां विलोपित हो चुकी है, अब कोई चरागाह या नदी के तीर बचे नहीं हैं जहां आप भागदौड़ कर सकते हैं इसलिए अब व्यायाम और दौड़-भाग करके शरीर को स्वस्थ रखना टेढ़ी खीर हो गया है। अब योग ही एकमात्र विकल्प है जिसे आप अपने घर की छत या किसी पेड़ के नीचे बैठकर कर सकते हैं और अपने शरीर को स्वस्थ रख सकते हैं।  


    शरीर को स्वस्थ रखना आवश्यक है क्योंकि स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ मन का वास होता है। आप प्रगति तभी कर सकते हैं, आप समय के साथ तभी चल सकते हैं जब आप शारीरिक और मानसिक रुप से स्वस्थ हों। अपने दैनिक जीवन में प्रातः काल ब्रम्हमुहूर्त में उठकर योग को अपनाएं और देखें कि आप का मन मस्तिष्क दिन भर कैसे स्वस्थ और तरोताजा रहता है। योग आपके तन और मन दोनों को स्वस्थ रखेगा।  


       - हरी राम यादव

         बनघुसरा, अयोध्या

         7087815074

Saturday, 17 June 2023

Dnyanoba Mauli Palkhi 2023

 Dnyanoba Mauli Palkhi 2023 



Friday, 16 June 2023

Jal Ek Jeevan - Rain Water Harvesting

 Jal Ek Jeevan - Rain Water Harvesting 





Tata Memorial - Symbol of Love

 Tata Memorial - Symbol of Love




Wednesday, 14 June 2023

कुर्सी की कलुषित जंग

कुर्सी की कलुषित जंग


समाज की समरसता लील गयी,
   दल दल की दलीय राजनीति।

खड़ी कर दी लोगों के बीच,
   कटुता नफरत की ऊंची भीत।

कटुता नफरत की ऊंची भीत,
   मीत भी रंग गये इस रंग में ।

लेकर कूद पड़े हैं बीती बातों को,
   कुर्सी की इस कलुषित जंग में। 

बांट रहे हैं नफरत  निशि दिन,
   सड़कों गलियों चौराहों  पर।

बस पाना चाह रहे हैं सत्ता केवल,
   हरी जाति धर्म की बाहों पर ।

सन् दो हजार चौबीस के लिए,
   लेकर निकल पड़े हैं तीर कमान।

सब अपने मुंह से कर रहे हैं,
   अपने ही बड़े बड़े झूठे बखान।

अपने ही बड़े बड़े झूठे बखान,
   कान भर रहें हैं सब जनता का।

शिक्षा, चिकित्सा की बात करें न,
   मुद्दा छेड़ें बस केवल मजहब का।

भूतकाल के मुद्दों के बल पर,
   हो न सकेगा देश का उत्थान।

काम किया क्या जनहित में,
   उसको बताओ दल के कप्तान।।

      - हरी राम यादव
        अयोध्या
        7087815074

Tuesday, 13 June 2023

आचार्य अत्रे यांच्या पुण्यतिथी निमित्त अभिवादन

 

आचार्य अत्रे यांच्या पुण्यतिथी निमित्त अभिवादन


PK Atre


१३ जून आचार्य अत्रे यांच्या ५४ व्या पुण्यतिथी निमित्त आचार्य अत्रे स्मारक समिती मुंबईच्या वतीने

वरळीनाका येथील त्यांच्या पूर्णाकृती पुतळ्याला पुष्पहार अर्पण करून आम्ही अभिवादन करण्यात आले, संयुक्त

महाराष्ट्राच्या चळवळीतील अग्रणी मराठाकार आचार्य अत्रे यांच्या आठवणी याप्रसंगी जागविण्यात आल्या.

याप्रसंगी समितीच्या अध्यक्षा ऍड आरती सदावर्ते- पुरंदरे, मराठी वृत्तपत्र लेखक संघाचे अध्यक्ष रवींद्र मालुसरे,

कुटुंब रंगलय काव्यातचे विसुभाऊ बापट, समितीचे कार्यवाह रवींद्र आवटी, ज्येष्ठ सिनेपत्रकार नंदू पाटील, संघाचे

माजी प्रमुख कार्यवाह श्रीकांत मयेकर, निवृत्त ACP शरद बर्डे, सौ मधूमंजिरी गटणे उपस्थित होते. यावेळी

अत्रेसाहेबांचे शतकोत्तर रौप्यमहोत्सवी जयंती वर्ष वेगवेगळ्या उपक्रम-कार्यक्रमांनी साजरे करण्याचे ठरविण्यात

आले.

Saturday, 10 June 2023

Fuel - Petrol and Diesel Density

Published in the Public Interest and Awareness 



Ashadhi Pandhari Wari 2023

 Ashadhi Pandhari Wari 2023

Ashadhi Pandhari Wari


Wednesday, 7 June 2023

लालबागच्या राजाचे गणेश मुहूर्त पूजन संपन्न

 लालबागच्या राजाचे गणेश मुहूर्त पूजन संपन्न

लालबागचा राजा लालबागचा राजा सार्वजनिक गणेशोत्सव मंडळातर्फे लालबागच्या राजाचे ९० व्या वर्षाचे गणेश मुहूर्त पूजन संकष्ट चतुर्थी बुधवार दि. ०७ जून २०२३ रोजी सकाळी ६ः०० वा. मंडळाचे अध्यक्ष श्री. बाळासाहेब सुदाम कांबळे व मूर्तिकार कांबळी आर्ट्स चे श्री. रत्नाकर मधुसूदन कांबळी यांच्या शुभहस्ते मूर्तिकार कांबळी आर्ट्स च्या चित्रशाळेत पार पडले. तदप्रसंगी खजिनदार श्री. मंगेश दत्ताराम दळवी यांनी पावती पुस्तकाचे पूजन केले.


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Tuesday, 6 June 2023

शिवराज्याभिषेक सोहळ्यासाठी प्रशासकीय तयारी पूर्ण

दि.६ जून रोजीच्या शिवराज्याभिषेक सोहळ्यासाठी प्रशासकीय तयारी पूर्ण


वृत्त क्र.403 दि.०५ जून २०२३







अलिबाग,दि.५ (जिमाका):- किल्ले रायगडावर दि. १ जून ते दि.६ जून २०२३ या कालावधीत ३५० वा शिवराज्याभिषेक सोहळा मोठ्या उत्साहात साजरा केला जात आहे.

नुकताच दि.२ जून २०२३ रोजी तिथीप्रमाणे ३५० वा शिवराज्याभिषेक सोहळा राज्याचे मुख्यमंत्री ना.एकनाथ शिंदे, उपमुख्यमंत्री ना.देवेंद्र फडणवीस, पालकमंत्री उदय सामंत, सांस्कृतिक कार्य मंत्री सुधीर मुनगंटीवार यांच्यासह अनेक मंत्री, खासदार, आमदार व अन्य मान्यवरांच्या उपस्थितीत ३५० वा शिवराज्याभिषेक सोहळा संपन्न झाला.

तर दि.६ जून २०२३ रोजी तारखेप्रमाणे साजरा होणाऱ्या ३५० व्या शिवराज्याभिषेक दिन सोहळ्यासाठीचीही प्रशासकीय सर्व तयारी पूर्ण झाली असून शिवभक्तांनी प्रशासनाकडून दिल्या जाणाऱ्या सूचनांचे पालन करावे, असे आवाहन जिल्हाधिकारी डॉ.योगेश म्हसे यांनी केले आहे.

हा ३५० व्या शिवराज्याभिषेकाचा प्रारंभ होत असून राज्य शासनाच्या वतीने किल्ले रायगडावर यंदा शिवराज्याभिषेक सोहळा मोठ्या उत्साहात साजरा केला जात आहे. या निमित्ताने गडावर विविध सांस्कृतिक कार्यक्रमांचे आयोजन करण्यात आले आहे. या कालावधीत शिवभक्त आणि पर्यटक मोठ्या संख्येने गडावर दाखल होणार आहेत, ही बाब लक्षात घेऊन जिल्हा प्रशासनाने विशेष खबरदारी घेवून सूक्ष्म नियोजन केले असल्याचे जिल्हाधिकारी डॉ.योगेश म्हसे यांनी सांगितले.

त्यांच्यासोबत खांद्याला खांदा लावून मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ.किरण पाटील, जिल्हा पोलीस अधीक्षक सोमनाथ घार्गे व प्रशासनातील त्यांचे सर्व सहकारी, विविध विभागांचे अधिकारी कर्मचारी हा सोहळा यशस्वी होण्यासाठी अहोरात्र अथक परिश्रम घेत आहेत.

शिवराज्याभिषेक सोहळ्यासाठी जिल्हा प्रशासनाने ३३ समित्यांचे गठन केले असून या समित्यांच्या माध्यमातून गेली दोन महिने सोहळ्याचे नियोजन सुरु आहे.

गडाच्या पायथ्याशी राज्यभरातून येणाऱ्या पर्यटक आणि शिवभक्तांसाठी कोंझर, वालुसरे, पाचाड येथे वाहन पार्कींग व्यवस्था करण्यात आली आहे. एकाच वेळी साडेतीन हजार वाहने या ठिकाणी पार्किंग करता येणार आहेत.

उन्हाळ्याचे दिवस असल्याने गडावर काळा हौद येथे १ लाख ५० लिटर, कोहीम तलाव येथे १ लाख ५० लिटर, हनुमान टाकी येथे १ लाख लिटर, गंगासागर येथे १ लाख ५० लिटर, श्रीगोंडा येथे १ लाख लिटर पाण्याची व्यवस्था करण्यात आली आहे.

शिवभक्तांच्या आरोग्याची काळजी घेण्यासाठी २४ वैद्यकीय पथके सर्व आरोग्य सोयीसुविधांसाह तैनात करण्यात आली आहेत. यात गडावर सहा, पायऱ्यांवर सहा तर पायथ्याशी सात आणि वाहनतळावरही वैद्यकीय सुविधा, पाणी, स्वच्छतागृहे उपलब्ध आहेत.

गडावर आणि पायथ्याशी अग्निशमन यंत्रणा सज्ज ठेवण्यात आली आहे.

गडावर येण्यासाठी चित्त दरवाजा आणि नाणे दरवाजा असे दोन मार्ग उपलब्ध असणार आहेत. त्यामुळे शिवभक्तांनी चित्त दरवाजा आणि नाणे दरवाजा मार्गेच गडावर यावे, असे आवाहन जिल्हा प्रशासनाकडून केले आहे.

हृदयविकार, मधुमेह आणि श्वसन विकार असलेल्या व्यक्तींनी गडावर येणे टाळावे, असेही आवाहन जिल्हा प्रशासनाकडून करण्यात आले आहे.

तसेच गडावर १०९ ठिकाणी सीसीटीव्ही कॅमेरे बसविण्यात आले असून जवळपास २ हजार पोलीस अधिकारी-कर्मचाऱ्यांचा बंदोबस्त तैनात ठेवण्यात आला आहे.

गडावर येणाऱ्या शिवभक्तांना मार्गदर्शन करण्यासाठी १ हजार पेक्षा जास्त दिशादर्शक फलक लावण्यात आले आहेत.

शिवराज्याभिषेक सोहळ्याचे औचित्य साधून गडावर फसाड पध्दतीची आकर्षक रोषणाई करण्यात आली आहे. त्यामुळे रात्रीच्या वेळी स्वराज्याची राजधानी उजळून निघणार आहे.

याशिवाय गडाच्या पायरी मार्गावरही रात्री येणाऱ्या शिवभक्तांसाठी जास्त प्रकाश क्षमतेचे पथदिवे लावण्यात आले आहेत. त्याचबरोबर दगड किंवा दरडी कोसळण्याचा जिथे धोका आहे, त्या ठिकाणी संरक्षक जाळ्या लावण्याचे काम करण्यात आले आहे.

पायरी मार्गाने जाणाऱ्या प्रत्येक शिवभक्तासाठी अन्नछत्र, पिण्याच्या पाण्याची बाटली तसेच वैद्यकीय सुविधा उपलब्ध करून देण्यात आली आहे.

गडावर येणाऱ्या शिवभक्तांसाठी मर्दानी खेळ, शाहिरी अशा विविध सांस्कृतिक कार्यक्रमांचेही आयोजन करण्यात आले आहे.

शासकीय आदेशानुसार पर्यटकांसाठी दि.५ व दि. ६ जून २०२३ रोजी रोप-वेची तिकीट विक्री बंद ठेवण्यात आली आहे. मात्र जेष्ठ नागरिक, महिला, बालके तसेच दिव्यांगांना रोप-वे ची सुविधा उपलब्ध असणार आहे.

गडावर असलेल्या पाणी टंचाईमुळे रोप-वेचा वापर फक्त पाणी वाहतुकीसाठी व शासकीय वापरासाठी करण्यात येणार असल्याने येणाऱ्या शिवभक्तांची, पर्यटकांची गैरसोय होत आहे, याबद्दल रायगड रोप-वे प्रशासनाने दिलगिरी व्यक्त केली आहे.

रायगड जिल्हा प्रशासनातर्फे मंडप, वीजपुरवठा, गर्दी नियंत्रण, अग्निशमन, वैद्यकीय सुविधा, पिण्याचे व वापरावयाचे पाणी, भोजन, स्नानगृह व शौचालय, स्वच्छता, कचरा, परिवहन, पार्किंग, रोप-वे, रस्ते, मोबाईल नेटवर्क, पोलीस बंदोबस्त, सांस्कृतिक कार्यक्रम, किल्ल्याचे सौंदर्यीकरण,आपत्ती व्यवस्थापन अशा विविध बाबींच्या नियोजनासह शासन आणि प्रशासन आपली सेवा देण्यासाठी आणि आपल्या स्वागतासाठी उत्सुक आहोत. आपणही कायदा आणि सुव्यवस्थेचे पालन करून रायगड जिल्हा प्रशासनाला सहकार्य करावे, असे आवाहन जिल्हाधिकारी डॉ.योगेश म्हसे, मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ. किरण पाटील, जिल्हा पोलीस अधीक्षक सोमनाथ घार्गे यांनी केले आहे.


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