सिपाही राम प्रसाद यादव (वीरगति प्राप्त)
मणिपुर देश के पूर्वोत्तर में स्थित एक पहाड़ी राज्य है। इसके उत्तर में नागालैंड और दक्षिण में मिज़ोरम, पश्चिम में असम और पूर्व में इसकी सीमा म्यांमार से मिलती है। यहाँ के पर्वतीय क्षेत्रों में नागा व कुकी जनजाति के लोग निवास करते हैं। यह राज्य पिछले कई वर्षों से जातीय संघर्ष और उग्रवादी गतिविधियों के केंद्र में रहा है और वर्तमान में भी यह जातीय हिंसा और वर्ग संघर्ष से अशांत है। वर्ष 2015 की शुरुआत में मणिपुर के सीमा क्षेत्र में उग्रवादी गतिविधियाँ काफी तेज थीं। इसके लिए मणिपुर और म्यांमार की बिना बाड़ वाली 1,463 किलोमीटर सीमा को सरकार द्वारा सील कर दिया गया था । सेना ने अर्धसैनिक बलों के साथ मिलकर उग्रवादियों के सफाए के लिए अभियान चला रखा था ।
04 जून 2015 को 06 डोगरा रेजिमेंट के कुछ जवान अपने वाहनों के काफिले के साथ इम्फाल जा रहे थे । जब यह जवान चंदेल जिले से गुजर रहे थे, उस दौरान उन पर उग्रवादियों ने घात लगाकर हमला कर दिया । सेना के काफिले पर आतंकवादियों द्वारा हमले की योजना नेशनल सोशलिस्ट कौंसिल ऑफ़ नागालैंड (खापलांग), कांगलेई यावोल कन्ना लुप और कांगलापक कम्युनिस्ट पार्टी के कार्यकर्ताओं के एक संयुक्त समूह के प्रशिक्षित आतंकवादियों ने बनायीं थी, चंदेल जिले के पारलोंग गांव और चारोंग गांव के बीच के इलाके में उन्होंने बारूदी सुरंग बिछा दी थी, और रास्ते के किनारे छुप कर बैठे थे । जैसे ही सैन्य काफिला बारूदी सुरंगों के बीच पहुंचा तो उन्होंने काफिले पर भारी स्वचालित हथियारों, राकेटों और हैंड ग्रेनेड से हमला बोल दिया । इस अचानक हुए हमले से सैनिक हतप्रभ रह गए । बारुदी सुरंगों और स्वचालित हथियारों से दोतरफा हुए हमले में सैनिकों की जबाबी कार्यवाही नाकाफी सिद्ध हुई । 4 वाहनों के सैनिक काफिले का अधिकांश हिस्सा क्षतिग्रस्त हो गया और बारुदी सुरंगों में विस्फोट के कारण भी कई सैनिक वीरगति को प्राप्त हो गए ।
उग्रवादियों द्वारा किए गए इस दुस्साही हमले में 06 डोगरा रेजिमेंट के 18 जवान वीरगति को प्राप्त हो गये , सिपाही राम प्रसाद यादव इन्हीं 18 बहादुर सैनिकों में से एक थे। इस हमले में सिपाही राम प्रसाद यादव के अलावा उत्तर प्रदेश के जनपद गौतमबुद्ध नगर के हवलदार जगवीर सिंह, जम्मू और कश्मीर के 07, हिमाचल प्रदेश के 06 , कर्नाटक के 01, मध्य प्रदेश के 01 और पंजाब के 01 बहादुर जवान वीरगति को प्राप्त हुए थे । उस समय यह सेना पर उग्रवादियों द्वारा किया गया सबसे बड़ा हमला था, जिसमें एक साथ इतने सैनिक वीरगति को प्राप्त हुए थे ।
सिपाही राम प्रसाद यादव का जन्म 21 जनवरी 1976 को जनपद फैज़ाबाद (अयोध्या) के गांव सलारपुर में श्रीमती तिलका देवी और श्री श्रीराम यादव के यहाँ हुआ था । इन्होने अपनी स्कूली शिक्षा अपने गांव सलारपुर से पूरी की और 25 दिसम्बर 1996 को भारतीय सेना की डोगरा रेजिमेंट में भर्ती हो गए । सैन्य प्रशिक्षण पूरा करने के पश्चात यह 6 डोगरा रेजीमेंट में तैनात हुए। सन् 2015 में इनकी यूनिट 6 डोगरा रेजिमेंट आतंकवादी विरोधी अभियानों में हिस्सा लेने के लिए मणिपुर में तैनात थी। इनके माता पिता दोनों की मृत्यु हो चुकी है इनके परिवार में इनकी पत्नी श्रीमती जानकी देवी, दो बेटियां - सविता यादव तथा अदिति यादव और तीन बेटे - रामपाल यादव , विकास यादव तथा विवेक यादव हैं । इनकी बड़ी बेटी सविता यादव की शादी हो चुकी है तथा इनके दूसरे नंबर के बेटे विवेक यादव अपने पिता के नक्शे-कदम पर चलते हुए भारतीय सेना में अपनी सेवाएं दे रहे हैं।
सिपाही राम प्रसाद यादव की वीरता और बलिदान को याद रखने के लिए अयोध्या विकास प्राधिकरण द्वारा राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 27 पर सहादतगंज बाईपास के पास स्थित एक पार्क का नामकरण इनके नाम पर किया गया है।
-हरी राम यादव
सूबेदार मेजर (आनरेरी)
अयोध्या/लखनऊ
7087815074