Wednesday 25 October 2017

दूरसंचार विभाग ने मोबाइल नम्बर से आधार कार्ड को जोड़ने की प्रक्रिया को सरल किया

दो अन्य सुविधाजनक विकल्प के साथ उपभोक्ता की आसानी के लिए नए ओटीपी आधारित विकल्प की शुरूआत

उद्योग द्वारा इस कदम का स्वागत और सरकार का समर्थन करने की अपील

दूरसंचार सेवा प्रदाताओं द्वारा आधार कार्ड को मोबाइल नम्बर और मोबाइल उपभोक्ताओं की पुनः सत्यापन प्रक्रिया से जोड़ने संबंधी उच्चतम न्यायालय के 16 फरवरी के आदेश के अनुपालन में तेजी लाने के लिए दूरसंचार विभाग (डीओटी) ने बुधवार को व्यापक दिशा-निर्देश जारी किए।

नए नियमों के अनुसार दूरसंचार विभाग ने आधार कार्ड को पंजीकृत मोबाइल नम्बर से जोड़ने के तीन नए तरीके शुरू किए हैं। ये तरीके हैं - ओटीपी (वन टाइम पासवर्ड) आधारित, एप्प आधारित और आईवीआरएस सुविधा। इन नए तरीकों से उपभोक्ताओं को दूरसंचार कंपनियों के स्टोर्स पर जाए बगैर आधार कार्ड को अपने मोबाइल नम्बर से जोड़ने में मदद मिलेगी। दूरसंचार विभाग ने वरिष्ठ नागरिकों, दिव्यांग जनों और गंभीर बिमारी से पीड़ितों की सुविधा के लिए ऐसे उपभोक्ताओं के घर जाकर पुनः सत्यापन करने की भी सिफारिश की है। नए दिशा-निर्देशों के अनुसार दूरसंचार ऑपरेटरों को इन सेवाओं का अनुरोध करने वालों के लिए ऑनलाइन प्रक्रिया उपलब्ध करवानी चाहिए और उपलब्धता के आधार पर पुनः सत्यापन की प्रक्रिया पूरी करने के लिए उनके घर जाना चाहिए।

इस बारे में दूरसंचार राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री मनोज सिन्हा ने कहा, ‘महत्वपूर्ण सरकारी सेवाओं और सूचनाओं तक देश के सभी नागरिकों की पहुंच बनाने के लिए आधार नम्बर प्रणाली तैयार की गई थी, जिसकी समय-समय पर उन्हें आवश्यकता हो सकती है। देश में मोबाइल का प्रयोग तेजी से बढ़ रहा है और उपभोक्ताओं को मोबाइल नम्बर के साथ आधार नम्बर को जोड़ने की सुविधा प्रदान की जानी चाहिए। सरकार प्रयास कर रही है कि कम समय में सुविधा जनक तथा ऊर्जा गंवाए बिना उपभोक्ताओं तक सरकारी सूचनाएं और सेवाएं पहुंचाई जाए जो उनका अधिकार भी है।’

सीओएआई के प्रतिनिधि ने कहा, ‘दूरसंचार विभाग का नवीनतम स्पष्टीकरण उद्योग और उपभोक्ताओं के अनुरूप है जिसकी इस समय जरूरत है। हालांकि इन दिशा-निर्देशों को लागू करने में कुछ समय लगेगा लेकिन उपभोक्ताओं के मोबाइल नम्बर को ई-केवाईसी आधारित आधार से जोड़ना उपभोक्ताओं के लिए सुविधाजनक बनाने में हम सरकार के साथ मिलकर कार्य कर रहे हैं। हम सभी आवश्यक प्रक्रिया लागू कर रहे हैं ताकि ओटीपी, एप्प आधारित और आईवीआरएस सुविधा सहित दिए गए अतिरिक्त तरीकों का इस्तेमाल किया जा सके। हमें आशा है कि तेजी और आसानी से मोबाइल उपभोक्ता अपने आधार पंजीकृत मोबाइल नम्बर (एआरएमएन) का उपयोग कर ई-केवाईसी नियम को पूरा करेंगे।’ 

अगस्त महीने के एक परिपत्र में दूरसंचार विभाग ने दूरसंचार सेवा प्रदाताओं को आंख की पुतली (आईरिस) और अंगुलियों के निशान आधारित आधार का  सत्यापन कराने का निर्देश दिया था। नए नियमों में यह स्पष्ट निर्दिष्ट किया गया है कि दूरसंचार सेवा प्रदाताओं को इसके लिए उचित भौगोलिक क्षेत्र में आईरिस रीडर तैनात करना चाहिए।

निजता के नियमों को ध्यान में रखते हुए दूरसंचार विभाग ने यह अनिवार्य किया है कि दूरसंचार सेवा प्रदाताओं के एजेंट की पहुंच उपभोक्ताओं के ई-केवाईसी डाटा तक पहुंच न हो और ग्राहकों के नाम तथा पते ही नजर आने चाहिएं। ग्राहक देश के किसी भी स्थान से अपने मोबाइल नम्बरों का सत्यापन या पुनः सत्यापन कर सकते हैं फिर चाहे उनका मोबाइल कनेक्शन किसी भी सेवा क्षेत्र का क्यों न हो।

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