Monday 30 October 2017

Vice Admiral Ajit Kumar P, AVSM VSM assumes charge as the Vice Chief of Naval Staff (VCNS)

            Vice Admiral Ajit Kumar P, AVSM, VSM has assumed charge as the Vice Chief of Naval Staff from Vice Admiral Karambir Singh AVSM at a formal ceremony held this morning at South Block, New Delhi. Vice Admiral Karambir Singh proceeds to Visakhapatnam and is scheduled to take over as Flag Officer Commanding-in-Chief Eastern Naval Command on 31 Oct 17.

            Vice Admiral Ajit Kumar P, AVSM, VSM is an alumni of the National Defence Academy. The Flag Officer was commissioned in the Indian Navy on 01 Jul 81 and is a specialist in Missiles & Gunnery. The Flag Officer has had extensive operational tenures onboard frontline warships of the Indian Navy. He has had the distinction of having commanded six seagoing platforms which include the guided missile corvette Kulish (commissioning), the guided missile frigate Talwar, the guided missile destroyers Mumbai and Mysore. The officer has done the Naval Higher Command Course and is also an alumni of the Naval War College, Newport, Rhode Island, USA.

            His important shore/ staff assignments include Director Maritime Warfare Centre, Visakhapatnam, Commanding Officer of INS Dronacharya, Kochi, Chief Staff Officer (Operations) of the Western Naval Command, Mumbai.

            He was promoted to Flag Rank in Sep 2009 and as a Rear Admiral, his assignments included Assistant Chief of Personnel (HRD) at Naval Headquarters, Flag Officer Commanding Eastern Fleet (FOCEF) and Chief of Staff of Southern Naval Command. On promotion to the Rank of Vice Admiral on 01 Dec 13, he was appointed as the Commandant of the Indian Naval Academy, Ezhimala and thereafter has completed two joint service tenures as Principal Staff Officer at Headquarters Integrated Defence Staff, tenanting the billets of Deputy Chief of Integrated Defence Staff (Operations) and Deputy Chief of Integrated Defence Staff (Policy Planning & Force Development).

 

DKS/GY    

Sunday 29 October 2017

Visit of Chief of the Air Staff to Vietnam

      Air Chief Marshal Birender Singh Dhanoa, Chief of the Air Staff is on an official visit to Vietnam from 30 Oct 17 to 03 Nov 17.

     During his visit, he is scheduled to hold bilateral meeting with top brass of the Vietnam People’s Air Force and Air Defence (VPAF) on security challenges in the current geopolitical scenario and explore ways to deepen the defence cooperation further. The main focus of the visit would be on improving bilateral relations, promoting defence ties and evolving steps to further strengthen defence cooperation between the two Air Forces.
The CAS would visit the Headquarters of Vietnam People’s Air Force and Air Defence (VPAF) and a few operational air bases as well.

Saturday 28 October 2017

रक्षा क्षेत्र में मेक इन इंडिया कार्यक्रम को धार देने के लिए रक्षा मंत्री ने उद्योग जगत के प्रतिनिधियों से वार्तालाप किया

रक्षा मंत्री श्रीमती निर्मला सीता रमण ने रक्षा क्षेत्र में मेक इन इंडिया कार्यक्रम को धार देने के लिए एक राउंड टेबल बैठक में भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) के प्रतिनिधियों से वार्तालाप किया, जिनमें भारतीय कंपनियों और विदेशी कंपनियों के प्रतिनिधि शामिल थे। वर्तमान सरकार ने रक्षा उत्‍पादन नीति-2016 लागू करने सहित अनेक महत्‍वपूर्ण नीतिगत उपाय किए हैं। इस नीति में अन्‍य बातों के अलावा रक्षा साजोसामान के डिजाइन और विर्माण में स्‍वदेशी को बढ़ावा दिया गया है।

राउंड टेबल बैठक में रक्षा विनिर्माण में निजी भागीदारी संबंधी विभिन्‍न मुद्दों पर व्यापक विचार-विमर्श किया गया। इसमें यह आश्वासन दिया गया कि वर्तमान सरकार रक्षा क्षेत्र में निजी भागीदारी बढ़ाने के मार्ग में आने वाली सभी बाधाएं दूर करने के प्रति वचनबद्ध है ताकि इस क्षेत्र में अधिकाधिक विदेशी निवेश आकर्षित  किया जा सके।

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वीके/आरएस/एमबी- 5230

Wednesday 25 October 2017

रक्षा क्षेत्र में स्वदेशीकरण महत्वपूर्ण है : रक्षा राज्य मंत्री

रक्षा राज्य मंत्री डॉ. सुभाष भामरे ने कहा है कि स्वदेशीकरण किसी भी संगठन के लिए महत्वपूर्ण होता है। लेकिन रक्षा क्षेत्र के लिए यह अधिक आवश्यक है क्योंकि इससे आत्मनिर्भरता बढ़ती है, जो राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण है। उन्होंने आज यहां समस्याओं के समाधान के लिए “भारतीय सेना का स्वदेशी प्रौद्योगिकीय सशक्तिकरण” विषय पर एक सम्मेलन का उद्घाटन किया।

डॉ. भामरे ने कहा है कि सभी हितधारकों को स्वदेशीकरण के महत्व को पूरी तरह से अपनाना चाहिए और भविष्य के सभी अधिग्रहण कार्यक्रमों में “मेक इन इंडिया” को लागू करना चाहिए। उन्होंने भारतीय सेना की सराहना करते हुए कहा कि सेना ने इस उद्देश्य की दिशा में न केवल कई पहल की है बल्कि सैन्य डिजाइन ब्यूरो भी गठित किया है, जो भारतीय उद्योग तथा शैक्षणिक समुदायों की चर्चाओं और सहभागिता सुविधा उपलब्ध कराने के लिए असाधारण संगठन है।

रोजमर्रा के सभी पहलुओं में प्रौद्योगिकी व्याप्त है यह कहते हुए उन्होंने बताया कि युद्ध में इसकी प्रासंगिगता सबसे महत्वपूर्ण है और बेहतर प्रौद्योगिकियों वाले पक्ष की हमेशा जीत होगी। उन्होंने कहा, ‘पूरी तरह से स्वदेश में विकसित प्रौद्योगिकी से रक्षा क्षेत्र सही मायने में आत्मनिर्भर होगा।’ रक्षा राज्य मंत्री ने बताया कि हाल ही में सरकार ने रक्षा और अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में प्रौद्योगिकी विकसित करने के लिए कई पहल की है। रक्षा मंत्रालय में विशिष्ट परियोजनाओं के लिए प्रौद्योगिकीय विकास कोष है। उन्होंने कहा कि देश में मेड इन इंडिया मंच को पूरी तरह से अंगीकार करने के लिए स्किल इंडिया और स्टार्ट अप इंडिया जैसी पहलों से रक्षा क्षेत्र में आवश्यक पारिस्थितिकीय तंत्र का निर्माण होगा।

डॉ. भामरे ने कहा है कि सरकार ने रक्षा क्षेत्र को अपने ‘मेक इन इंडिया’ कार्यक्रम के केंद्र में रखा है। उन्होंने कहा कि विभिन्न कंपनियां देश के अत्यधिक प्रतिभावान और कुशल जन बल का उपयोग कर भारत में निवेश करने की इच्छा व्यक्त कर रही हैं। इस क्षेत्र में काफी संभावनाएं हैं और मित्र देशों को भी उत्पादों का निर्यात किया जा सकता है। डॉ. भामरे ने समारोह स्थल पर समाधान और नवाचार की एक प्रदर्शनी का भी उद्घाटन किया।

कार्यक्रम में सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने कहा कि सेना के लिए आवश्यक उपकरणों की जरूरतों के बारे में जानकारी हासिल करने के लिए सेना ने देश में शैक्षिक और उद्योग को प्रोत्साहित किया है।

इस अवसर पर फिक्की के महासचिव डॉ. संजय बारू, भारत फोर्ज लिमिटेड के मुख्य प्रबंध निदेशक (सीएमडी) श्री बाबा एन कल्याणी और लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) सुब्रत साहा ने भी अपने विचार रखे।

इस कार्यक्रम में भारतीय सेना, रक्षा मंत्रालय, फिक्की के वरिष्ठ अधिकारी और उद्योग तथा शैक्षिक समुदाय के कई प्रतिनिधि शामिल हुए।

Akshay donates Rs 25,000 each to 103 families of cops, army officials on the occasion of Diwali – PTI

The actor contributed over Rs 25 lakh for an initiative by a senior IPS officer for families of policemen and army personnel in Maharashtra.

Akshay Kumar.

Akshay Kumar.

Mumbai: The Diwali festival has become merrier for families of 103 slain policemen and army personnel in Maharashtra, courtesy an initiative by a senior IPS officer and actor Akshar Kumar, with the latter contributing over Rs 25 lakh for the cause.

"We made a list of martyr policemen and military/paramilitary personnel belonging to Kolhapur, Sangli, Satara, Pune rural and Solapur rural region. When Akshay Kumar got to know of this initiative, he also decided to join," Kolhapur range IGP Vishwas Nangre Patil said.

"Akshay Kumar sent a cheque of Rs 25,000 and a signed letter to each of the families, which we delivered," the senior IPS officer told PTI.

"Akshay recently sent me a photograph of a small girl weeping beside the coffin of her father. When I broached the subject of helping the slain policemen's families, the actor promptly decided to chip in," Nangre Patil said.

"We are happy that our initiative has made the Diwali of the martyrs' families sweeter," he said.

In the letter, Akshay Kumar has lauded the sacrifice made by the martyrs for the country.

"I am aware that you must be recalling their lovely memories during Diwali. The tragedy that has befallen your family is immense and I pray to god that you overcome this tragedy with fortitude and usher in the new year," the actor wrote.

"I wish to offer sweets and a small gift for the children to buy books. I request you to accept them," Akshay Kumar wrote.

 

दूरसंचार विभाग ने मोबाइल नम्बर से आधार कार्ड को जोड़ने की प्रक्रिया को सरल किया

दो अन्य सुविधाजनक विकल्प के साथ उपभोक्ता की आसानी के लिए नए ओटीपी आधारित विकल्प की शुरूआत

उद्योग द्वारा इस कदम का स्वागत और सरकार का समर्थन करने की अपील

दूरसंचार सेवा प्रदाताओं द्वारा आधार कार्ड को मोबाइल नम्बर और मोबाइल उपभोक्ताओं की पुनः सत्यापन प्रक्रिया से जोड़ने संबंधी उच्चतम न्यायालय के 16 फरवरी के आदेश के अनुपालन में तेजी लाने के लिए दूरसंचार विभाग (डीओटी) ने बुधवार को व्यापक दिशा-निर्देश जारी किए।

नए नियमों के अनुसार दूरसंचार विभाग ने आधार कार्ड को पंजीकृत मोबाइल नम्बर से जोड़ने के तीन नए तरीके शुरू किए हैं। ये तरीके हैं - ओटीपी (वन टाइम पासवर्ड) आधारित, एप्प आधारित और आईवीआरएस सुविधा। इन नए तरीकों से उपभोक्ताओं को दूरसंचार कंपनियों के स्टोर्स पर जाए बगैर आधार कार्ड को अपने मोबाइल नम्बर से जोड़ने में मदद मिलेगी। दूरसंचार विभाग ने वरिष्ठ नागरिकों, दिव्यांग जनों और गंभीर बिमारी से पीड़ितों की सुविधा के लिए ऐसे उपभोक्ताओं के घर जाकर पुनः सत्यापन करने की भी सिफारिश की है। नए दिशा-निर्देशों के अनुसार दूरसंचार ऑपरेटरों को इन सेवाओं का अनुरोध करने वालों के लिए ऑनलाइन प्रक्रिया उपलब्ध करवानी चाहिए और उपलब्धता के आधार पर पुनः सत्यापन की प्रक्रिया पूरी करने के लिए उनके घर जाना चाहिए।

इस बारे में दूरसंचार राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री मनोज सिन्हा ने कहा, ‘महत्वपूर्ण सरकारी सेवाओं और सूचनाओं तक देश के सभी नागरिकों की पहुंच बनाने के लिए आधार नम्बर प्रणाली तैयार की गई थी, जिसकी समय-समय पर उन्हें आवश्यकता हो सकती है। देश में मोबाइल का प्रयोग तेजी से बढ़ रहा है और उपभोक्ताओं को मोबाइल नम्बर के साथ आधार नम्बर को जोड़ने की सुविधा प्रदान की जानी चाहिए। सरकार प्रयास कर रही है कि कम समय में सुविधा जनक तथा ऊर्जा गंवाए बिना उपभोक्ताओं तक सरकारी सूचनाएं और सेवाएं पहुंचाई जाए जो उनका अधिकार भी है।’

सीओएआई के प्रतिनिधि ने कहा, ‘दूरसंचार विभाग का नवीनतम स्पष्टीकरण उद्योग और उपभोक्ताओं के अनुरूप है जिसकी इस समय जरूरत है। हालांकि इन दिशा-निर्देशों को लागू करने में कुछ समय लगेगा लेकिन उपभोक्ताओं के मोबाइल नम्बर को ई-केवाईसी आधारित आधार से जोड़ना उपभोक्ताओं के लिए सुविधाजनक बनाने में हम सरकार के साथ मिलकर कार्य कर रहे हैं। हम सभी आवश्यक प्रक्रिया लागू कर रहे हैं ताकि ओटीपी, एप्प आधारित और आईवीआरएस सुविधा सहित दिए गए अतिरिक्त तरीकों का इस्तेमाल किया जा सके। हमें आशा है कि तेजी और आसानी से मोबाइल उपभोक्ता अपने आधार पंजीकृत मोबाइल नम्बर (एआरएमएन) का उपयोग कर ई-केवाईसी नियम को पूरा करेंगे।’ 

अगस्त महीने के एक परिपत्र में दूरसंचार विभाग ने दूरसंचार सेवा प्रदाताओं को आंख की पुतली (आईरिस) और अंगुलियों के निशान आधारित आधार का  सत्यापन कराने का निर्देश दिया था। नए नियमों में यह स्पष्ट निर्दिष्ट किया गया है कि दूरसंचार सेवा प्रदाताओं को इसके लिए उचित भौगोलिक क्षेत्र में आईरिस रीडर तैनात करना चाहिए।

निजता के नियमों को ध्यान में रखते हुए दूरसंचार विभाग ने यह अनिवार्य किया है कि दूरसंचार सेवा प्रदाताओं के एजेंट की पहुंच उपभोक्ताओं के ई-केवाईसी डाटा तक पहुंच न हो और ग्राहकों के नाम तथा पते ही नजर आने चाहिएं। ग्राहक देश के किसी भी स्थान से अपने मोबाइल नम्बरों का सत्यापन या पुनः सत्यापन कर सकते हैं फिर चाहे उनका मोबाइल कनेक्शन किसी भी सेवा क्षेत्र का क्यों न हो।

दूरसंचार विभाग ने मोबाइल नम्बर से आधार कार्ड को जोड़ने की प्रक्रिया को सरल किया

दो अन्य सुविधाजनक विकल्प के साथ उपभोक्ता की आसानी के लिए नए ओटीपी आधारित विकल्प की शुरूआत

उद्योग द्वारा इस कदम का स्वागत और सरकार का समर्थन करने की अपील

दूरसंचार सेवा प्रदाताओं द्वारा आधार कार्ड को मोबाइल नम्बर और मोबाइल उपभोक्ताओं की पुनः सत्यापन प्रक्रिया से जोड़ने संबंधी उच्चतम न्यायालय के 16 फरवरी के आदेश के अनुपालन में तेजी लाने के लिए दूरसंचार विभाग (डीओटी) ने बुधवार को व्यापक दिशा-निर्देश जारी किए।

नए नियमों के अनुसार दूरसंचार विभाग ने आधार कार्ड को पंजीकृत मोबाइल नम्बर से जोड़ने के तीन नए तरीके शुरू किए हैं। ये तरीके हैं - ओटीपी (वन टाइम पासवर्ड) आधारित, एप्प आधारित और आईवीआरएस सुविधा। इन नए तरीकों से उपभोक्ताओं को दूरसंचार कंपनियों के स्टोर्स पर जाए बगैर आधार कार्ड को अपने मोबाइल नम्बर से जोड़ने में मदद मिलेगी। दूरसंचार विभाग ने वरिष्ठ नागरिकों, दिव्यांग जनों और गंभीर बिमारी से पीड़ितों की सुविधा के लिए ऐसे उपभोक्ताओं के घर जाकर पुनः सत्यापन करने की भी सिफारिश की है। नए दिशा-निर्देशों के अनुसार दूरसंचार ऑपरेटरों को इन सेवाओं का अनुरोध करने वालों के लिए ऑनलाइन प्रक्रिया उपलब्ध करवानी चाहिए और उपलब्धता के आधार पर पुनः सत्यापन की प्रक्रिया पूरी करने के लिए उनके घर जाना चाहिए।

इस बारे में दूरसंचार राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री मनोज सिन्हा ने कहा, ‘महत्वपूर्ण सरकारी सेवाओं और सूचनाओं तक देश के सभी नागरिकों की पहुंच बनाने के लिए आधार नम्बर प्रणाली तैयार की गई थी, जिसकी समय-समय पर उन्हें आवश्यकता हो सकती है। देश में मोबाइल का प्रयोग तेजी से बढ़ रहा है और उपभोक्ताओं को मोबाइल नम्बर के साथ आधार नम्बर को जोड़ने की सुविधा प्रदान की जानी चाहिए। सरकार प्रयास कर रही है कि कम समय में सुविधा जनक तथा ऊर्जा गंवाए बिना उपभोक्ताओं तक सरकारी सूचनाएं और सेवाएं पहुंचाई जाए जो उनका अधिकार भी है।’

सीओएआई के प्रतिनिधि ने कहा, ‘दूरसंचार विभाग का नवीनतम स्पष्टीकरण उद्योग और उपभोक्ताओं के अनुरूप है जिसकी इस समय जरूरत है। हालांकि इन दिशा-निर्देशों को लागू करने में कुछ समय लगेगा लेकिन उपभोक्ताओं के मोबाइल नम्बर को ई-केवाईसी आधारित आधार से जोड़ना उपभोक्ताओं के लिए सुविधाजनक बनाने में हम सरकार के साथ मिलकर कार्य कर रहे हैं। हम सभी आवश्यक प्रक्रिया लागू कर रहे हैं ताकि ओटीपी, एप्प आधारित और आईवीआरएस सुविधा सहित दिए गए अतिरिक्त तरीकों का इस्तेमाल किया जा सके। हमें आशा है कि तेजी और आसानी से मोबाइल उपभोक्ता अपने आधार पंजीकृत मोबाइल नम्बर (एआरएमएन) का उपयोग कर ई-केवाईसी नियम को पूरा करेंगे।’ 

अगस्त महीने के एक परिपत्र में दूरसंचार विभाग ने दूरसंचार सेवा प्रदाताओं को आंख की पुतली (आईरिस) और अंगुलियों के निशान आधारित आधार का  सत्यापन कराने का निर्देश दिया था। नए नियमों में यह स्पष्ट निर्दिष्ट किया गया है कि दूरसंचार सेवा प्रदाताओं को इसके लिए उचित भौगोलिक क्षेत्र में आईरिस रीडर तैनात करना चाहिए।

निजता के नियमों को ध्यान में रखते हुए दूरसंचार विभाग ने यह अनिवार्य किया है कि दूरसंचार सेवा प्रदाताओं के एजेंट की पहुंच उपभोक्ताओं के ई-केवाईसी डाटा तक पहुंच न हो और ग्राहकों के नाम तथा पते ही नजर आने चाहिएं। ग्राहक देश के किसी भी स्थान से अपने मोबाइल नम्बरों का सत्यापन या पुनः सत्यापन कर सकते हैं फिर चाहे उनका मोबाइल कनेक्शन किसी भी सेवा क्षेत्र का क्यों न हो।

सामान्य भविष्य निधि (जीपीएफ) और अन्य समान निधियों पर 1 अक्टूबर 2017 से 31 दिसंबर 2017 तक 7.8 प्रतिशत ब्याज

केंद्र सरकार ने वित्त वर्ष 2017-18 के दौरान सामान्य भविष्य निधि और अन्य समान निधि में जमा राशि पर 1 अक्टूबर 2017 से 31 दिसंबर 2017 तक 7.8 प्रतिशत ब्याज देने की घोषणा की है। यह ब्याज दर 1 अक्टूबर 2017 से लागू होगी। इस संबंध में एक अधिसूचना जारी की गई है और 23 अक्टूबर 2017 को इसे भारत के राजपत्र में प्रकाशित किया गया है।

 

PIB

सैनीकांच्या कुटुंबियांवर 28 वर्षे मोफत उपचार करणारे डॉ. तुषार शेवाळे :

 

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मालेगाव परिसरातील शेकडो सैनिक गावाकडे कुटुंब सोडून सीमेवर कर्तव्य पार पाडतांना निश्चिंत असतात. आजी- माजी सैनिक त्यांच्या कुटुंबीयावंर मोफत उपचार करणारे काँग्रेसचे नेते डॉ. तुषार शेवाळे त्यांच्या कुटुंबीयांची वैद्यकीय काळजी घेतात. गेली अठ्ठावीस वर्षे त्यांचा हा उपक्रम सुरु आहे. देशाच्या सीमेवरील जवान त्यांना हक्काने फोन करतात. पुढचे सगळे उपचार डॉ. शेवाळे पार पाडतात. त्यांचा हा उपक्रम कौतुकाचा विषय बनला आहे.

नाशिक : मालेगाव परिसरातील शेकडो सैनिक गावाकडे कुटुंब सोडून सीमेवर कर्तव्य पार पाडतांना निश्‍चिंत असतात. आजी- माजी सैनिक व त्यांच्या कुटुंबीयावंर मोफत उपचार करणारे काँग्रेसचे नेते डॉ. तुषार शेवाळे त्यांच्या कुटुंबीयांची वैद्यकीय काळजी घेतात. गेली अठ्ठावीस वर्षे त्यांचा हा उपक्रम सुरु आहे. देशाच्या सीमेवरील जवान त्यांना हक्काने फोन करतात. पुढचे सगळे उपचार डॉ. शेवाळे पार पाडतात. त्यांचा हा उपक्रम कौतुकाचा विषय बनला आहे.

जम्मु काश्मीरमध्ये शहीद झालेले वायुदलाचे कमांडो खैरनार यांच्या कुटुंबियांना त्यांनी व्यक्तीशः एकवीस हजारांची मदत केली. उत्तर महाराष्ट्रात कोणीही जवान शहीद झाल्यास अजिबात गाजावाजा न करता ते त्यांच्या कुटुंबीयांना आर्थिक मदत करीत आले आहेत.

देशाच्या ईशान्य सीमेवरील तवांग भागात कर्तव्यावर असलेल्या दरेगाव (ता. मालेगाव) येथील जवानाला सुटी मिळत नव्हती. मुलगा अनेक दिवसांपासून आजारी होता. गावी कुटुंबीय अस्वस्थ, तिकडे जवानही चिंतीत. त्यांनी डॉ. शेवाळे यांना दुरध्वनी करुन याविषयी माहिती दिली व उपचार करण्याची विनंती केली. डॉक्‍टरांनी त्यांना धीर देत निर्धास्त राहण्यास सांगीतले. दुसऱ्या दिवशी त्यांनी त्याच्या कुटुंबीयांशी संपर्क साधला. त्यांच्या दोन वर्षाच्या मुलाची तपासणी केली. त्याच्यावर 'हार्निया'ची शस्त्रक्रिया केली. मुलगा बरा झाल्यावर पुन्हा संबधीत जवानाला त्याची माहितीही दिली. सीमेवर तैनात अशा असंख्य जवानांशी त्यांचा संपर्क होत असतो. गेली अठ्ठावीस वर्षे जवानांचे पत्नी, मुले, आई, वडील अशा सगळ्यांच्या वैद्यकीय तपासणीची काळजी डॉ. शेवाळे वाहतात.

याविषयी माहिती देताना डॉ. शेवाळे म्हणाले, ''मला लष्करात जाण्याची खुप ओढ होती. आठवीपासून मी 'एनसीसी' मध्ये सहभागी झालो. बारावीपर्यंत 'एनसीसी'चे प्रशिक्षण घेतले. राष्ट्रीय संरक्षण अकादमीत 'एनडीए' सहभागी होण्यासाठी परिक्षा दिली. मात्र यशस्वी झालो नाही. त्यामुळे ते वैद्यकीय क्षेत्राकडे वळलो. डॉक्‍टर झाल्यावर ते पुन्हा आर्मर्ड मेडीकल कोअर (एएमसी) जॉईन करायचा प्रयत्न केला. त्यात अडचणी आल्यावर नियमीत काम करतांनाच सैनिकांना मदत करायचा निर्णय घेतला. तेव्हापासून आजपर्यंत मी हे काम करीत आहे.''

डाॅ. शेवाळे आजी, माजी सैनिक, त्यांचे कुटुंबिय यांची मोफत तपासणी व उपचार करतात. मोठ्या शस्त्रक्रिया असल्यास त्यात निम्मी सवलत देतात. त्यासाठी एक स्वतंत्र कक्षच आहे. सध्या ते मराठा विद्या प्रसारक समाज संस्थेचे अध्यक्ष आहेत. त्यामुळे या संस्थेच्या वैद्यकीय महाविद्यालय, रुग्णालयाची सेवाही ते उपलब्ध करतात. सध्याचे सैनिक, माजी सैनिक, हुतात्म्यांचे कुटुंबिय या सगळ्यांना वैद्यकीय साह्य ते करतात.

सैनिक व त्यांचे कुटुंबिय नियमित त्यांच्या संपर्कात असतात. 'केवळ समाधान व सैनिकांविषयी कृतज्ञता म्हणून हे काम करत आलो. त्यातून खुप आनंद मिळतो', असे त्यांनी सांगितले. सैनिक सीमेचे रक्षण करतात. त्यांच्याशी समाजाचे असलेले नाते पाहिले म्हणजे, अनुराधा प्रभुदेसाईंची कविता डोळ्यापुढे तरळुन जाते, 'अझीज बहादुरों, यह बंधन नही, इजहार प्यारका है, प्यार है, और विश्‍वास है'.... हा विश्‍वास सीमेवरच्या सैनिकांना डॉ. शेवाळेंविषयी वाटतो.

कोण आहेत डॉ. शेवाळे?
डॉ. तुषार शेवाळे हे अत्यंत सामान्य पार्श्वभूमी असलेल्या कुटुंबातील आहेत. त्यांचे बालपण मालेगाव तालुक्‍यात व प्राथमिक शिक्षण जिल्हा परिषदेच्या शाळेत झाले. त्यांचे दुसरे बंधु शासकीय कंत्राटदार आहेत. राज्याचे माजी आरोग्यमंत्री डॉ. बळीराम हिरे हे त्यांचे मामा होत. मालेगाव शहरात गेली अठ्ठावीस वर्षे त्यांचे रुग्णालय आहे. काँग्रेस पक्षाचे सक्रीय कार्यकर्ते म्हणून त्यांनी विविध संस्थांवर प्रतिनिधीत्व केले आहे. राज्यातील अग्रगण्य व शतकोत्तर वाटचाल करणाऱ्या नाशिक जिल्हा मराठा विद्या प्रसारक समाज संस्थेचे माजी संचालक तथा नुकत्याच झालेल्या निवडणुकीत ते अध्यक्ष म्हणून निवडून आले. त्यामुळे सामाजिक, राजकीयदृष्ट्या अत्यंत प्रतिष्ठेच्या पदावर सध्या ते कार्यरत आहेत.

 

दिलिप  हिरे ,
सचिव माजी सैनिक संघटना  मालेगाव

संपत देवगिरे  : मंगळवार, 24 ऑक्टोबर 2017 : http://www.sarkarnama.in/dr-tushar-shewale-helps-jawans-families-16738

Monday 23 October 2017

सीमा सुरक्षा बल ने अर्ध मैराथन 2017 का आयोजन कियाः शहीदों के लिए दौड़ आयोजित

केन्द्रीय युवा मामले एवं खेल राज्य मन्त्री (स्वतंत्र प्रभार) एवं सूचना तथा प्रसारण राज्य मन्त्री कर्नल राज्यवर्धन सिंह राठौर ने आज यहाँ शहीदों की याद में बीएसएफ अर्ध मैराथन 2017 को झण्डी दिखाई।

     इस मैराथन में दिल्ली के निवासियों एवं प्रतिभागियों का अभूतपूर्व उत्साह दिखा जिन्होंने एक विशेष ध्येय के लिए दौड़ने में रूचि दिखाई। इस दौड़ के लिए 4865 प्रतिभागियों ने पंजीकरण कराया। इसके अतिरिक्त, सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) प्रहरी परिवार ने बड़ी संख्या में इसमें भाग लिया। श्री राठौर ने सीमा सुरक्षा बल के शहीदों के प्रति श्रद्धांजलि अर्पित की तथा अर्ध मैराथन को झण्डी दिखाई।

     केन्द्रीय गृह राज्य मन्त्री श्री किरेन रिजिजू ने 05 किलोमीटर दौड़ के दूसरे खण्ड को झण्डी दिखाई। श्री रिजिजू ने भी बीएसएफ के महानिदेशक के.के.शर्मा एवं बीडब्ल्यूडबल्यूए के सदस्यों समेत सीमा बल के अन्य सदस्यों के साथ शहीदों के लिए दौड़ में हिस्सा लिया।

     बीएसएफ अर्ध मैराथन को भारतीय एथलेटिक्स की गोल्डन गर्ल के नाम से मशहूर पद्मश्री सुश्री पी.टी. ऊषा, ओलम्पिक में पदक हासिल कर चुके निशानेबाज पद्मभूषण श्री अभिनव बिन्द्रा, अर्जुन पुरस्कार विजेता गोल्फर श्री अमित लूथरा एवं फिल्म अभिनेत्री सुश्री स्वरा भास्कर का समर्थन प्राप्त था और इस अवसर पर ये सभी उपस्थित थे।

     बीएसएफ हाफ मैराथन को श्री विराट कोहली, मोहम्मद शामी एवं युसुफ पठान का भी समर्थन प्राप्त था जिन्होंने अपने सोशल मीडिया पोस्ट के द्वारा इस ध्येय को समर्थन दिया। श्री अक्षय कुमार ने भी शहीदों के लिए बीएसएफ अर्ध मैराथन 2017 को समर्थन दिया है। केन्द्रीय मानव संसाधन विकास एवं जल संसाधन, नदी विकास एवं गंगा संरक्षण राज्य मन्त्री डा. सत्यपाल सिंह एवं विख्यात शास्त्रीय नृत्यांगना सुश्री सोनल मान सिंह भी विजेताओं को पुरस्कार दिए जाने के अवसर पर उपस्थित थीं।

     समारोह में शहीदों के परिवारों को भी सम्मानित किया गया। सभी पदक एवं पुरस्कार सीमा सुरक्षा बल के शहीदों को समर्पित थे। सभी प्रतिभागियों को पदक एवं प्रमाण-पत्र प्रदान किए गए।

PIB : 22 Oct 2017

Sunday 22 October 2017

नौ सेना कमांडरों का चार दिवसीय सम्मेलन 24 अक्टूबर से

     नौसेना कमांडरों का चार दिवसीय सम्मेलन 24 अक्टूबर से नई दिल्ली में आयोजित होगा। यह सम्मेलन नौसेना के कमांडरों और सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ-साथ सेना प्रमुख और वायुसेना प्रमुख के बीच संवाद को संस्थागत मंच प्रदान करता है।
     इस सम्मेलन को रक्षा मंत्री श्रीमती सीतारमण संबोधित करेंगी और कमांडरों के साथ बातचीत भी करेंगी। नौसेना प्रमुख शीष कमांडरों के साथ मिलकर प्रमुख अभियानों, साजो-समान, मानव संसाधन, प्रशिक्षण और प्रशासकीय कामकाज की समीक्षा करेंगे और भविष्य की महत्वपूर्ण गतिविधियों और कदमों के बारे में विचार विमर्श करेंगे। कमांडरों को व्यापक राष्ट्रीय हितों के बारे में एक नजरिया प्रदान करने के लिए नीति आयोग के सीईओ श्री अमिताभ कांत के साथ एक संवाद कार्यक्रम भी होगा।
     प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दृष्टिकोण “क्षेत्र में सभी के लिए सुरक्षा और विकास” को ध्यान मे रखते हुए नौसेना के कमांडर हिन्द महासागर क्षेत्र में अपनी सशक्त मौजूदगी के लिए योजनाओं पर चर्चा करेगें। इस संबंध मे अन्य देशों की नौसेनाओं के साथ तालमेल बढ़ाने, समुद्री सुरक्षा चुनौतियों से निपटने और प्राकृतिक आपदाओं के समय तत्काल कार्रवाई जैसे मुद्दों की समीक्षा की जाएगी।

Linking Aadhaar with bank account mandatory, says RBI

 

Hyderabad/New Delhi: The RBI on Saturday dismissed reports that it was not necessary to link national identity card numbers, known as Aadhaar numbers, to bank accounts.

     The confusion was caused by the RBI's reply to an RTI query, which stated that it had not issued any circular/notification to bankers to seed Aadhaar details with bank accounts, but that the Centre had issued the order to curb money laundering.

     The RTI query was filed by a website seeking copies of either the circular or notification issued by the RBI on seeding of Aadhaar and bank accounts.

     Responding to the query, the RBI stated: "The government has issued a Gazette Notification GSR 538 (E) on June 1, 2017 in connection with the Prevention of Money Laundering (Maintenance of Records) Second Amendment Rules, 2017, interalia, making furnishing of Aadhaar and Permanent Account Number (PAN) mandatory for opening a bank account. It may be noted that Reserve Bank has not yet issued an instruction in this regard."

     Mr M.S. Kumar, general secretary of the Federation of Bank Employees, said the RBI had issued guidelines based on the government's order to all bankers to seeding Aadhaar details with the bank accounts. "Though the RTI reply says the RBI did not issue any such circular or notification, it issued has guidelines," he said.

     On Saturday, the RBI said in a statement: "The Reserve Bank clarifies that, in applicable cases, linkage of Aadhaar number to bank account is mandatory under the Prevention of Money-laundering (Maintenance of Records) Second Amendment Rules, 2017".

     The RBI said that anti-money laundering rules announced in June 2017 have "statutory force" and banks have to implement them without awaiting further instructions.

Dailyhunt

J&K: One terrorist killed in encounter with security forces in Handwara

One terrorist has been killed in an encounter with Security forces in Handwara's Hajin city of Jammu and Kashmir on Sunday. A counter-operation is currently underway in the area.

The Army also recovered grenade, rifle and Pakistani currency notes from terrorist killed in Handwara encounter.

The encounter began this morning after the security forces launched a cordon-and-search operation following information about the presence of terrorists.

However, the slain terrorist has not been identified as yet. Meanwhile, two Lashkar-e-Taiba militants are believed to be hiding in the area.

The encounter came a day after terrorists attacked the house of People's Democratic Party (PDP) leader Mohd Ashraf Pir in Tral town of Pulwama.

OneIndia News

source: oneindia.com

व्हाइट हाउसमध्ये दिन..दिन...दिवाळी : वृत्तसंस्था

White House

वॉशिंग्टन : सध्या भारतासह जगभरात दिवाळीची धूम आहे. यास व्हाइट हाउसदेखील अपवाद राहिले नाही. अमेरिकेचे अध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प यांनीही आज ओव्हल कार्यालयात दिवाळी साजरी केली. ट्रम्प यांच्यासह सीमा वर्मा, संयुक्त राष्ट्रसंघातील अमेरिकेच्या राजदूत निकी हेलीसह प्रशासनाचे वरिष्ठ भारतीय भारत- अमेरिकी प्रतिनिधींनी दिवाळी साजरी केली. सीमा वर्मा या सेंटर फॉर मेडिकेअर अँड मेडिकेड सर्व्हिसेसच्या प्रशासक आहेत.

     अध्यक्ष ट्रम्प यांनी व्हाइट हाउसमध्ये पहिली दिवाळी साजरी करताना देशातील विज्ञान, औषधी, उद्योग आणि शिक्षण क्षेत्रात भारत-अमेरिकी नागरिकांच्या अमूल्य योगदानाचे कौतुक केले. दिवाळीनिमित्त आयोजित सोहळ्यात यूएस फेडरल कम्युनिकेशन्स कमिशनचे अध्यक्ष अजित पै, मुख्य उपप्रेस सचिव राज शाह यांनी सहभाग घेतला. ट्रम्पने ओव्हल ऑफिसमध्ये दिवाळी साजरा केल्याचा व्हिडिओ शेअर करत फेसबुकवरदेखील एक पोस्ट केली आहे. ट्रम्प म्हणाले की, भारतीयांबरोबर प्रकाशाचा सण दिवाळी साजरा करताना मी भाग्यवान समजतो. या सोहळ्यात ट्रम्प यांची कन्या इवांका ट्रम्पदेखील सहभागी झाली होती. व्हाइट हाउसमध्ये दिवाळी साजरी करण्याची परंपरा तत्कालीन अध्यक्ष जॉर्ज डब्ल्यू. बुश यांनी आपल्या कार्यकाळात सुरू केली. मात्र बुश यांनी व्यक्तिगतरीत्या कधीही दिवाळी सोहळ्यात सहभाग घेतला नाही.

     "जेव्हा आपण दिवाळी साजरी करतो, तेव्हा विशेषत: जगातील सर्वांत मोठ्या लोकशाहीची निर्मिती करणाऱ्या भारतीयांची आठवण काढतो. भारत हा हिंदू धर्माचे निवासस्थान आहे. पंतप्रधान नरेंद्र मोदी यांच्याशी असलेल्या दृढ संबंधाला आपण अधिक महत्त्व देतो.
- डोनाल्ड ट्रम्प, अध्यक्ष अमेरिका

गुरुवार, 19 ऑक्टोबर 2017

देशसेवेसाठी आपला एक मुलगा तरी सैन्यात भरती झाला पाहिजे : संदीप जगदाळे

pune

दिपोत्सवा दरम्यान प्रत्येक नागरिकांने एक पणती शहिद जवानासाठी पेटवली. 'भारत माता की जय', 'वंदे मातरम' शहिद 'सौरभ फराटे अमर रहे' या घोषणांनी परिसर दुमदुमून गेला. राष्ट्रीय कला अकादमीच्या वतीने भव्य रांगोळ्या साकारण्यात आल्या. अमनोरा मधील शिवानी हरसोरा, निकिता जितकर, सुमीत लोकरे आदी तरुणांनी पणत्या सजवून कार्यक्रमाची शोभा वाढविली .

हडपसर : सैन्यातील माझा मुलगा सौरभ हा दहशतावदी हल्ल्यात शहीद झाला. दुसरा मुलगा देखील सैन्यदलाच्या सेवेत आहे. माझ्या पेक्षा देश मोठा आहे. त्यामुळे दुःख बाजूला ठेवून माझ्या नातवाला देखील मी सैन्यदलात भरती करणार आहे. आज बहुतांश पालक माझा मुलगा केवळ डॅाक्टर, इंजीनीआर झाला पाहिजे, अशी स्वप्ने बाळगतात. मात्र देशसेवेसाठी आपला एका तरी मुलागा सैन्यदलात भरती झाला पाहिजे, हे स्वप्न ठेवणा-या पालकांची संख्या वाढायला हवी, असे कककळीचे अवाहन शहिद जवान सौरभ फराटे यांच्या मातोश्री मंगल फराटे यांनी केले.

अमनोरा येथील सोशल रिस्पॉन्सीबिलिटी फोरमच्या वतीने शहीद जवाणांप्रती कृतज्ञता व्यक्त करण्यासाठी 'एक दिवा जवानांसाठी' उपक्रम घेवून दिपोत्सवाचे आयोजन केले होते, याप्रसंगी फराटे बोलत होत्या. यावेळी फोरम व अमनोरा नागिराकांतर्फे सौरभ फराटे यांच्या आई मंगल फराटे व वडील नंदकुमार फराटे यांच्या हस्ते दिप प्रज्वलन करून दिपोत्सवास सुरवात केली. तसेच श्रीनाथ म्हस्कोबा सहकारी साखर कारखान्याचे अध्यक्ष पांडुरंग राऊत यांच्या हस्ते फराटे कुटूंबीयांचा सत्कार करण्यात आला.

याप्रसंगी फोरमचे सदस्य शैलेश तुपे, डॉ अमोल पाटील, राजेन्द्र जितकर, डॉ अविनाश तोडकर, हेमंत अभंग, दिलीप पुंड, प्रदीप जोशी, दीपक भापकर, संतोष शेडगे, निरंजना बाजपाई, सरला कासट, संगीता भुजबळ, सविता दरेकर, राधिका अशोक, स्विटी सिंघल, किरण नागवडे, वैभव परब, मयंक मित्तल, सुहास गुंडेवार, स्वप्नील शर्मा, शशिकांत साळुंखे, प्रवीण तुपे, शशिकांत लोकरे तसेच 350 हून अधिक नागरिक या कार्यक्रमात सहभागी झाले होते. अमनोरा मधील आर 2 व आर 3 सेक्टर मध्ये हा दिपोत्सव साजरा करण्यात आला.

फोरमचे संयोजक हेमंत अभंग म्हणाले, देशाच्या सीमांच्या सुरक्षेत तैनात असणारे सैनिकांमुळे आपण सुरक्षित आहोत व दिवाळी सण आनंदाने साजरा करु शकतो. देशासाठी शहीद झालेल्या सैनिकांप्रति कृतज्ञता व्यक्त करण्यासाठी फोरम तर्फे एक दिवा जवानांसाठी उपक्रम घेण्यात आला.

दिपोत्सवा दरम्यान प्रत्येक नागरिकांने एक पणती शहिद जवानासाठी पेटवली. 'भारत माता की जय', 'वंदे मातरम' शहिद 'सौरभ फराटे अमर रहे' या घोषणांनी परिसर दुमदुमून गेला. राष्ट्रीय कला अकादमीच्या वतीने भव्य रांगोळ्या साकारण्यात आल्या. अमनोरा मधील शिवानी हरसोरा, निकिता जितकर, सुमीत लोकरे आदी तरुणांनी पणत्या सजवून कार्यक्रमाची शोभा वाढविली .

प्रस्तावित शहीद जवान सौरभ फराटे स्मारकासाठी अमनोरा मधील नागरिकांच्या वतीने 25,000 रूपयांचा सहाय्यता निधी उपलब्ध करून दिला तसेच तसेच स्मारकाचे काम तातडीने पूर्ण करण्यासाठी सिटीझन्स सोशल रिस्पॉन्सीबिलिटी फोरम तर्फे महापौर मुक्ता टिळक यांच्याकडे पाठपुरावा करणार असल्याचे अभंग यांनी नमूद केले.

 

शनिवार, 21 ऑक्टोबर 2017

सैनिक कुटुंबीयांसाठी गावात प्रतिनिधी असावा : लेफ्टनंट जनरल सतीश नवाथे (निवृत्त)

पुणे : ''देशाच्या रक्षणार्थ लढणाऱ्या सैनिकांच्या कुटुंबाकडे समाज फारसे लक्ष देत नाही, ही वस्तुस्थिती आहे. देशातील खेड्यांमध्येही सैनिकांची कुटुंबे वास्तव्यास आहेत. त्यासाठी प्रत्येक गावात सैनिक कुटुंबीयांसाठी एक प्रतिनिधी असायला हवा, तरच सैनिकांच्या कुटुंबीयांची खरी परिस्थिती समाज व सरकारसमोर येऊ शकेल,'' असे मत लेफ्टनंट जनरल (निवृत्त) सतीश नवाथे यांनी व्यक्त केले.

रोटरी क्‍लब ऑफ पूना मिडटाउन आणि सैनिक मित्रपरिवार आयोजित भाऊबिजेनिमित्त शहीद व बेपत्ता जवानांच्या वीरपत्नींचा सन्मान करण्यात आला.

हभप मकरंदबुवा औरंगाबादकर, अशोक मेहेंदळे, आनंद सराफ, अभिजित म्हसकर, सुरेश पवार, विष्णू ठाकूर, राजू पाटसकर, शिल्पा पुंडे, स्वाती ओतारी, कल्याणी सराफ, जयश्री देशपांडे उपस्थित होते. विश्‍वलीला ट्रस्ट, सेवा मित्रमंडळ, पूना गेस्टहाउस यांसह विविध संस्थांनी उपक्रमाला सहकार्य केले. अशोक मेहेंदळे यांनी स्वागत केले. गिरीश पोटफोडे यांनी सूत्रसंचालन केले.

Friday 20 October 2017

जीएसटी लागू करने जैसे सुधार के कदमों से अर्थव्‍यवस्‍था सुधरेगी : उपराष्‍ट्रपति

उपराष्‍ट्रपति ने आंध्र चैम्‍बर ऑफ कॉमर्स की 90वें स्‍थापना समारोह को सम्‍बोधित किया

उपराष्‍ट्रपति श्री एम. वेंकैया नायडू ने कहा है कि जीएसटी लागू करने जैसे सुधार के कदमों से अर्थव्‍यवस्‍था में सुधार होगा। उपराष्‍ट्रपति आज चेन्‍नई में आंध्र चैम्‍बर ऑफ कॉमर्स के 90वें स्‍थापना समारोह को सम्‍बोधित कर रहे थे। इस अवसर पर तमिलनाडु के राज्‍यपाल श्री बनवारी लाल पुरोहित तथा तमिलनाडु के मछलीपालन, कार्मिक और प्रशासिनक सुधार मंत्री श्री डी. जयकुमार उपस्थित थे।

     श्री वेंकैया नायडू ने कहा कि विश्‍व टेक्‍नोलॉजी और डिजिटल क्रांति के कारण तेजी से बदल रहा है। परिवर्तन के साथ नहीं चलने वाला कोई भी देश पिछड़ जाएगा। भारत प्रमुख आर्थिक शक्ति बनने की ओर बढ़ गया है और देश के विकास में तेजी लाने में निजी क्षेत्र बड़ी भूमिका निभा सकता है। उन्‍होंने कहा कि विकास में तेजी लाने के लिए हमें संरचना में सुधार करना होगा, संसाधन क्षमता बढ़ानी होगी और नवाचारी प्रौद्योगिकी को प्रोत्‍साहित करना होगा।

     श्री वेंकैया नायडू ने कहा कि विभिन्‍न क्षेत्रों में एफडीआई सहित आर्थिक वृद्धि के लिए सरकार द्वारा उठाये जा रहे कदमों से भारत तेजी से विकसित होगा। विश्‍व बैंक द्वारा प्रकाशित ‘देश परिदृश्‍य’ के अनुसार आर्थिक गतिविधि में स्थिरता आएगी और 2018 में जीडीपी में सात प्रतिशत की दर से वृद्धि होगी। श्री नायडू ने कहा कि रिपोर्ट में वित्त वर्ष 2020 तक विकास दर बढ़कर 7.4 प्रतिशत हो जाने की बात भी कही गई है।
उपराष्‍ट्रपति ने कहा कि अंतर्राष्‍ट्रीय मुद्रा कोष के प्रमुख ने बताया है कि मंदी लघु अवधि की है और हम भारतीय अर्थव्‍यवस्‍था के ठोस रास्‍ते पर चलने का भविष्‍य देखते हैं।

     उपराष्‍ट्रपति ने कहा कि किसी देश और समाज की प्रगति के प्रमुख मानकों में महिला सशक्तिकरण एक है। मुझे इस बात की खुशी है कि श्रीमती इंदिरा दत्त के नेतृत्‍व में आंध्र चैम्‍बर ऑफ कॉमर्स द्वारा महिला बिजनेस फोरम स्‍थापित किया गया है ताकि महिला विद्यार्थियों और कर्मचारियों को उद्यमी बनने का प्रशिक्षण दिया जा सके।

    उपराष्‍ट्रपति ने कहा कि आंध्र चैम्‍बर ऑफ कॉमर्स की 90 वर्ष की यात्रा महत्‍वपूर्ण मील का पत्‍थर है। 1928 में स्‍थापित यह संगठन भारतीय गणतंत्र के जन्‍म और अन्‍य यादगार घटनाओं का साक्षी है। उपराष्‍ट्रपति ने कहा कि 35 सदस्‍यों से अपनी यात्रा प्रारंभ करने वाला आंध्र चैम्‍बर ऑफ कॉमर्स आज प्रख्‍यात उद्योग संगठन है और इसकी सदस्‍य संख्‍या 1800 है। इससे अभी 55 व्‍यापार और उद्योग संगठन संबद्ध हैं।

     उपराष्‍ट्रपति श्री एम. वेंकैया नायडू ने आंध्र चैम्‍बर ऑफ कॉमर्स की सफलता की कामना की।

PIB

Visit of Raksha Mantri to HQ ANC & Carnicobar

            The Raksha Mantri Smt Nirmala Sitharaman, on the second day of her visit to the Andaman & Nicobar Command, went on a windshield tour of the defence facilities at Port Blair. She was accompanied by Commander-in-Chief, Andaman& Nicobar Command Vice Admiral Bimal Verma.

Subsequently, RM visited Carnicobar where she paid homage to the personnel and families who lost their lives during the Tsunami in 2004. Smt Nirmala Sitharaman visited the Japanese Wells and interacted with the troops prior departing.

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MJPS/RP

Jawans is my family : PM Narendra Modi

https://m.timesofindia.com/india/theyre-part-of-my-family-pm-modi-celebrates-diwali-with-jawans-in-jks-gurez/articleshow/61142611.cms

Wednesday 18 October 2017

रक्षा मंत्री का अंडमान एवं निकोबार कमान का दौरा

रक्षा मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण आज से अंडमान निकोबार कमान की दो दिवसीय यात्रा पर है। रक्षा मंत्री के आगमन पर अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के लेफ्टिनेंट गवर्नर एडमिरल (सेवानिवृत्त) डी. के. जोशी और अंडमान एवं निकोबार कमान के कमांडिंग-इन-चीफ वाइस एडमिरल बिमल वर्मा ने आईएनएस उत्कर्ष में उनका स्वागत किया। अंडमान निकोबार कमान के सैनिकों द्वारा उन्हें संयुक्त सेवा सम्मान गारद प्रस्तुत किया गया। इसके बाद, अंडमान निकोबार कमान के मुख्यालय के दौरे के दौरान रक्षा मंत्री को सुरक्षा स्थिति और कमान के बल दिए जाने वाले क्षेत्रों की जानकारी दी गई।

जवानों को दिवाली का तोहफा

     विभिन्न सैन्य बलों और सीआरपीएफ, बीएसएफ, बीआरओ, आईटीबीपी जैसी विभिन्न अर्द्धसैनिक इकाइयों के जवान और अधिकारी देश की सीमाओं की सुरक्षा करने के लिए दूर-दराज तथा दुर्गम स्थानों पर तैनात हैं। ये जवान और अधिकारी कठिन मौसमी परिस्थितियों की परवाह किए बिना दिन-रात देश की सुरक्षा में लगे हैं। ये सभी अपने घरों और मुख्यालयों से दूर सेवा कर रहे हैं। अपने घरवालों और अपने मुख्यालयों के साथ बातचीत करने की उन्हें हमेशा आवश्यकता होती है। ये सभी बीएसएनएल द्वारा प्रदत्त डीएसपीटी सेवा के जरिए ही संपर्क करते हैं, क्योंकि इन इलाकों में संचार का कोई अन्य माध्यम उपलब्ध नहीं है।


     संचार मंत्री श्री मनोज सिंहा ने आज यहां मीडिया से बात करते हुए कहा कि डीएसपीटी सुविधा का इस्तेमाल करने के लिए जवानों और अधिकारियों को इस समय हर माह 500 रुपये का शुल्क देना पड़ता है। इस तरह उन्हें प्रति मिनट की बातचीत के लिए 5 रुपये देने पड़ते हैं। जवानों और अधिकारियों की आवश्यकताओं को देखते हुए और संचार में होने वाले भारी खर्च के मद्देनजर सरकार ने एक महत्वपूर्ण फैसला किया है ताकि परिवार वालों से बातचीत करने में जवानों और अधिकारियों को सुविधा हो। यह अहम फैसला दीपावली के शुभ अवसर पर लिया गया है। श्री सिन्हा ने कहा कि दीपावली के दिन यानी 19 अक्टूबर, 2017 से डीएसपीटी सुविधा के लिए कोई भी मासिक शुल्क नहीं लिया जाएगा। यानी कल से मौजूदा 500 रुपये का मासिक शुल्क ‘शून्य’ हो जाएगा। इसके अलावा मौजूदा 5 रुपये प्रति मिनट के लिए लिया जाने वाला टेलीफोन शुल्क भी एक रुपया प्रति मिनट हो जाएगा।


     सरकार के इस विशेष दीपावली उपहार के आधार पर सुरक्षाकर्मी अब अपने घरों और मुख्यालय के साथ बिना किसी चिंता तथा अतिरिक्त खर्च किए बिना बात कर सकेंगे। मंत्री महोदय ने जवानों और अधिकारियों तथा उनके परिवार वालों को दीपावली की शुभकामनाएं भी दीं।

PIB

प्रधानमंत्री ने राष्ट्र को अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान समर्पित किया

     प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज राष्ट्र को अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान समर्पित किया।
इस अवसर पर सम्बोधित करते हुए, प्रधानमंत्री ने धन्वंतरि जयंती को आयुर्वेद दिवस के रूप में मनाने के लिए जनसभा को बधाई दी। उन्होंने अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान की स्थापना के लिए आयुष मंत्रालय की सराहना की। प्रधानमंत्री ने जोर देकर कहा कि कोई भी देश अपने इतिहास और विरासत को महत्व और ध्यान दिए बिना प्रगति नहीं कर सकता। जो देश अपनी विरासत को पीछे छोड़ देते हैं वह अपनी पहचान भी खो देते हैं।
    

     प्रधानमंत्री ने कहा कि जब भारत आजाद नहीं था तब योग और आयुर्वेद जैसी भारत की विरासत और ज्ञान सम्पदा का महत्व कम कर दिया गया था। यहां तक कि इन पर से भारतीयों के विश्वास को खत्म करने के प्रयास भी किये गए थे। उन्होंने कहा कि पिछले 3 वर्षों में इस स्थिति में काफी हद तक बदलाव आया है और लोगों का विश्वास हमारी विरासत में पुनर्स्थापित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि आयुर्वेद दिवस या योग दिवस के लिए एकत्र हुए लोगों को देखकर हमारी विरासत में गर्व प्रदर्शित होता है।

     प्रधानमंत्री ने कहा कि आयुर्वेद सिर्फ एक चिकित्सा पद्धति नहीं है बल्कि है सार्वजनिक स्वास्थ्य एवं पर्यावरण स्वास्थ्य को जजोड़ने वाली एक प्रणाली है, इसलिए सरकार ने आयुर्वेद , योग और अन्य आयुष पद्धतियों को प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल प्रणाली में शामिल करने के लिए बल दिया था।
प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार देश के प्रत्येक जिले में आयुर्वेद अस्पताल स्थापित करने की दिशा में काम कर रही है। उन्होंने कहा कि पिछले 3 वर्षों के दौरान 65 से भी अधिक आयुष अस्पतालों का विकास किया गया है ।

     प्रधानमंत्री ने कहा कि औषधीय और चिकित्सकीय पौधें वैश्विक रूप से आय का महत्वपूर्ण स्रोत है। और भारत को इस संबंध में अपनी क्षमताओं का लाभ उठाना चाहिए। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने स्वास्थ्य देखभाल प्रणाली में 100 प्रतिशत एफडीआई को मंजूरी दे दी है ।

     प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार का ध्यान गरीबों के लिए किफायती स्वास्थ्य देखभाल प्रणाली प्रदान करने के लिए केंद्रित है । उन्होंने कहा कि सरकार का मुख्य ध्यान निरोधात्मक स्वास्थ्य देखभाल और किफायतता तथा इलाज तक पहुंच में सुधार करना मुख्य लक्ष्य है। उन्होंने कहा कि निरोधात्मक स्वास्थ्य देखभाल के लिए स्वच्छता साधारण सा उपाय है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने पिछले 3 वर्षों में पांच करोड़ शौचालयों का निर्माण किया है।

     प्रधानमंत्री ने कहा कि स्वास्थ्य देखभाल लोगों की बेहतर पहुंच बनाने के लिए नए एम्स की स्थापना की जा रही है। उन्होंने स्टेंट और घुटना इम्प्लांट्स की कीमतों पर सीमा तथा किफायती कीमतों पर दवाईयां प्रदान करने के लिए जन औषधि केंद्रों की स्थापना जैसे उपायों का भी उल्लेख किया।

 

PIB

एक दिया शहीदों के नाम ...

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एक दिया शहीदों के नाम ...

ते सीमेवर लढले म्हणून

गावात आपल्या आज

दिवाळी आली आहे....

 

दिवा त्यांच्या घरातील विझवून

आपल्या घरी दिवाळी आली आहे...

 

तुमच्या आनंदा बरोबर

दुःख त्यांचे ही असू दया...

 

तुमच्य दारी एक दिवा

शाहीदांसाठी असू दया...

 

दिवाळी आपणास सुख समृध्दीची, आनंदाची, भरभराटीची आणि आरोग्यदायी जावो.

 

शुभेच्छुक

अॅड. सुरेन्द्र सोनवणे

9422264829

जय हिंद

भारत माता कि जय

 

 

सैनिकों के सम्मान में चायनीज़ वस्तुओं का करें बहिष्कार ।।

   पूर्व  सैनिक सेवा परिषद,जमशेदपुर  के तत्वावधान में आज शहर के साकची बाजार स्थित मुख्य गोलचक्कर पर चायनीज़ वस्तुओं के बहिष्कार करने  और विरोध प्रदर्शन के लिए एक पद यात्रा और शपथ का आयोजन किया गया जसमे सामूहिक रूप से ये निर्णय लिया गया कि सभी झारखंड के पूर्व सैनिक अपने अपने स्तर से सभी चायनीज़ वस्तुओं का बहिष्कार करेंगे  ताकि चीन भारत से कमाए हुए धन का इस्तेमाल हमारे ही फ़ौजी भाइयों के विरुद्ध पाकिस्तान को मदद कर के न कर सके। परिषद् के जिला अध्यक्ष  सार्जेंट पी शंकर ने कहा कि चीन 62 के युद्ध में पंचशील समझौते को ठुकरा कर हमारे पीठ में जो छुरा घोंपा है जिसमें हमारे बहुत सारे निहत्थे भारतीय सैनिक शहीद हुए थे उसका बदला हमलोग उसके वस्तुओं का बहिष्कार कर के लेंगे।

   आतंकवादी देश पाकिस्तान को चीन हथियार , धन , प्रशिक्षण तथा अन्य हर तरीक़े का मदद मुहैया करा रहा है जिसका उपयोग पाकिस्तान भारत के विरुद्ध  खुलेआम कर रहा है। इस अवसर पर मुख्या अतिथि के रूप में आये स्वदेशी जागरण मंच के संघर्ष वाहिनी प्रमुख श्री बन्दे शंकर सिंह ने कहा कि भारत से चीन का ट्रेड पिछले कुछ वर्षों में घटा ज़रूर है  लेकिन हमारी आर्थिक।नीतियों और दुनिया के संस्थानों के बंधंनके परिणास्वरप  राष्ट्रीय सुरक्षा के  अस्तित्व पर भी ख़तरा मंडरा रहा है। विशिस्ट अतिथि क्रीड़ा भारती के  प्रान्त मंत्री श्री राजीव कुमार जी ने कहा कि दुनिया के बाज़ार को अब हिंदुस्तानियों को देशभक्ति से मुकाबले का वक्त है,इसलिए यथसंभव हम सब  चीन निर्मित सामानों का विरोध करे , बहिष्कार करें।

   हम पूर्व सैनिकों को चाइना का विरोध और दुश्मनी साक्षात दिखता  है यह क़तई बर्दाश्त नहीं है की उसके द्वारा निर्मित वस्तुओं की बिक्री भारत में हो। हम सभी पूर्व सैनिक इसका विरोध और बहिष्कार करने के लिए कृतसंकल्पित हैं और सारे देशवासियों से भी आग्रह करते है कि वे भी इसके वस्तुओं का मज़बूती से बहिष्कार करें इससे हम चीन को आर्थिक कमज़ोरी तो देंगे ही साथ ही साथ हमारे ग़रीब कुम्हार भाइयों का मिट्टी का दिया बनाने का कुटीर उद्योग भी मज़बूत होगा। उपस्थित पूर्व सैनिकों और देशभक्तों ने  एक शपथ लिया कि इस दीपावली में दीपक का अधिकाधिक प्रयोग करेंगे। ज़िला  महामंत्री ने बताया कि विगत दिनों ही परिषद् ने दिव्यांग बच्चों के बनाये दीपक और मोमबत्तियां खरड़ कर इसकी शुरुआत कर दी है।

   आज के कार्यक्रम में लागभग 125 देशभसक्त  उपस्थित रहे जिनमें 40 पूर्व सैनिक बंधू और अपने अनुसांगिक क्षेत्र के कार्यकर्ता का सहयोग रहा।कार्यक्रम के अंत में में सारे पूर्व सैनिकों ने शहीदों को  श्रद्धांजलि दिया ।

कार्यक्रम में उपस्थित रहे।।।
पी संकर,सिद्धनाथ सिंह,तापस मजूमदार, रमेश शर्मा, सुरेंद्र सिंह,संतोष,सुखविंदर,सत्येन्द्र सिंह,कृष्मोहं सिंह,अनिल सिंह,जसबीर सिंह, सुबोध कुमार,राजेश,बिजेंद्र, दया भूषण,हवलदार बिरजू,शत्रुघ्न प्रसाद, अशोक वाजपेयी, पंकज सिंह,विश्वजीत,अजस्य सिंह, दयाल चन्द्र साहू, नविन कुमार,दयानंद सिंह,विश्वजीत,पंकज,डी अस तिवारी,जुगुन पांडेय,स्वाति मित्र,हेमलता,रीता दी,राजेश पाण्डे, राजेश कुमार,राजेश सिंह,ताराशंकर,सोनू गिरी,दया भूषण जी,

राजीव कुमार,अनूप राजा,सतनाम सिंह,प्रमोद मिश्रा,प्रदीप जी,अखिल कुमार,गणेश जैस्वाल, वाईस ऑफ़ ह्यूमैनिटी के हरी सिंह, बजरंग सेवा संस्थान के सागर,सौरव,विशाल,

धन्यवाद ज्ञापन हवलदार सत्येन्द्र सिंह,वरिष्ठ उपाध्यक्ष ने किया।

पी शंकर
अध्यक्ष

Tuesday 17 October 2017

रक्षा मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने आईएनएस क्लिटन को नौसेना में शामिल किया

     रक्षा मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने आज 16 अक्टूबर 2017 को नौसेना डॉकयार्ड विशाखापट्नम में संपन्न एक भव्य समारोह में आईएनएस क्लिटन (पी 30), तीसरी एंटी-पनडुब्बी वारफेयर (एएसडब्लू), जिसे प्रोजेक्ट 28 (कमोर्टे क्लास) के तहत बनाया गया है, को राष्ट्र को समर्पित किया। इस अवसर पर नौसेना अध्यक्ष एडमिरल सुनील लांबा, वाइस एडमिरल एच सी एस बिष्ट, फ्लैग ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ पूर्वी नौसेना कमांड रेयर एडमिरल वी के सक्सेना (सेवानिवृत), गार्डन रिच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स, कोलकता (जीआरएसई), कोलकता के सीएमडी कॉमोडोर एन बी कुंते (सेवानिवृत), पूर्व क्लिटन के पहले कमांडिंग ऑफिसर तथा अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे। इस समारोह को औपचारिक रूप से भारतीय नौसेना के इन-हाउस संगठन नौसैनिक डिजाइन निदेशालय तथा गार्डन रिच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स, कोलकता द्वारा तैयार किए गए चार एएसडब्ल्यू कार्वेट्स के तीसरे नौसेना में शामिल होने के लिए चिह्नित किया गया है।


     नौसेना जेटी में माननीय रक्षा मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण की आगवानी नौसेना अध्यक्ष एडमिरल सुनील लांबा ने की। इस समारोह के शुरू होने से पहले माननीय रश्रा मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण को गार्ड ऑफ ऑनर पेश किया गया और उपस्थित गणमान्य व्यक्तियों से मुलाकात कराया गया।


     सभा का स्वागत करते हुए एडमिरल सुनील लंबा ने कहा कि यह भारतीय युद्धपोत की यात्रा में एक और मील का पत्थर है। भारतीय नौसेना स्वदेशीकरण के सिद्धांत तथा सरकार ने ‘मेक इन इंडिया’ के प्रति प्रतिबद्ध है। पिछले साल जो चार युद्धपोत भारतीय नौसना में शामिल किए गये थे वे सभी भारत में ही निर्मित हैं जो हमारे ‘मेक इन इंडिया’ संकल्प का बेहतर प्रमाण हैं। स्वदेशीकरण के प्रति हमारी प्रतिबद्धता के कारण ही हमने अपने इस दायरे को आगे बढ़ाया है और साथ ही युद्धपोत बनाने में भी हम आगे बढ़ रहे हैं। हमने स्वदेशी सोनार जैसे अभय, हमसा-एनजी के साथ शस्त्र वरूणास्क्षत्र एवं ब्रह्मोस में भी काफी सफलता हासिल की है। एडमिरल ने कहा कि ये उपलब्धियां आत्मनिर्भरता प्राप्त करने के भारतीय नौसेना के सक्रिय और एकीकृत दृष्टिकोण का एक सफल परिणाम है। इसके बाद कमांडिंग ऑफिसर कमांडर नौशाद अली खान ने युद्धपोत के कमीशनिंग वारंट को पढ़ा। इसके बाद पहली बार इस नौसेना एनसाइन युद्धपोत पर राष्ट्रीय गान के साथ समारोह का समापन किया गया।

     आईएनएस क्लिटन को भारतीय नौसेना में शामिल करने के अवसर पर माननीय रक्षा मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने भारतीय नौसेना, जीआरएसई, अन्य भारतीय पीएसयू तथा छोटे एवं मध्यम उद्योगों जिसने भी इस युद्धपोत के निर्माण में सहयोग दिया, सबका आभार व्यक्त किया।उन्होंने जोर देते हुए कहा कि स्वदेशीकरण के माध्यम से नौसेना की आत्मनिर्भरता के प्रति यह कदम बेहद ही सराहनीय है और इसने भारतीय नौसेना को खरीदार से एक निर्माता के रूप में बदल दिया है। उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि नौसेना के बेड़े में आईएनएस क्लिटन को शामिल करना इस परिवर्तन की पुन: पुष्टि करता है। उन्होंने आगे कहा कि हमें अपने युद्धपोत निर्माण कार्यों को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर स्थापित कर तथा कम समय सीमा में और प्रतिस्पर्धी बना गुणवत्ता वाले युद्धपोतों के उत्पादन करने की आवश्यकता है। उन्होंने आगे कहा कि सरकार सशस्त्र बलों और रक्षा उद्योग के लिए राष्ट्र की रक्षा आवश्यकताओं और अपेक्षित वित्तपोषण की सराहना करती है तथा जो नौसेना के आधुनिकीकरण और विकास योजनाओं के लिए बेहद आवश्यक है। बाद में रक्षा मंत्री ने कमिशनिंग प्लेक का अनावरण किया और युद्धपोत को देश को समर्पित किया।


     इसे एक बेहद प्रतिष्ठित अधिग्रहण मानते हुए, आईएनएस क्लिटन को भारत में निर्मित सबसे शक्तिशाली युद्धपोतों में से एक माना गया है। इस युद्धपोत की अवधारणा 10 अगस्त 2010 को रखी गई थी और 26 मार्च 2013 को इसकी शुरूआत की गई थी। इसके पहले समुद्री परीक्षण की शुरुआत 6 मई 2017 को हुई थी तथा आखिरकार 14 नवंबर 2017 को जीआरएसई द्वारा इसे भारतीय नौसेना को सौंप दिया गया था। यह युद्धपोत डीजल एंड डीजल (सीओडीएडी) के प्रणोदन प्रणाली द्वारा संचालित है जिसमें 25 समुद्री मील से अधिक गति हासिल करने के लिए चार डीजल इंजन की व्यवस्था होती है और लगभग 3500 नौटिकल मील की सहनशक्ति क्षमता है।

     परमाणु, जैविक और रासायनिक (एनबीसी) युद्ध की स्थितियों में लड़ने में सक्षम इस युद्धपोत में 80 फीसदी से अधिक उपकरण और प्रणाली स्वदेशी निर्मित है। इसके साथ ही, पी -28 हथियार और संवेदी क्षमता मुख्य रूप से स्वदेशी है और यह इस क्षेत्र में देश की बढ़ती क्षमता को प्रदर्शित करता है। आईएनएस क्लिटन पूरी तरह से मिश्रित सामग्री के अधोसंरचना के साथ पहला प्रमुख युद्धपोत है।


     इस प्रमुख युद्धपोत पर पहली बार समग्र अधिरचना पर आधारित हथियार और सेंसर स्थापित किए गए हैं। आईएनएस क्लिटन पर लगाए गए समग्र अधिरचना ने भारतीय नौसेना के युद्धपोतों पर उन्नत इंजीनियरिंग सामग्रियों के उपयोग को वजन और स्थिरता मानकों में महत्वपूर्ण सुधार के साथ उपयोग किया है।


     एएसडब्लू सक्षम हेलिकॉप्टर के अलावा हथियारों में भारी वजन टारपीडो, एएसडब्ल्यू रॉकेट, 76 एमएम कैलिबर मिडियम रेंज बंदूक और दो बहु-बैरल 30 एमएम बंदूकें शामिल हैं जो जिसमें क्लोज-इन-वेपन सिस्टम (सीआईडब्ल्यूएस) के रूप में समर्पित अग्नि नियंत्रण प्रणाली है।

     युद्धपोत का नाम पुराने आईएनएस क्लिटन (पी 79) एक पेट्या क्लास एएसडब्ल्यू युद्धपोत से लिया गया है जिसे 18 वर्ष की सेवा के बाद जून 1987 को बंद कर दिया गया था। लक्षद्वीप समूह के द्वीपों से संबंधित कोरल द्वीप के नाम पर इस युद्धपोत का नाम रखा गया जिसमें 15 अधिकारियों और 180 नाविकों की क्षमता है। 109 मीटर लंबा, 14 मीटर चौड़ा तथा 3300 टन के विस्थापन क्षमता के साथ भारत में निर्मित सबसे शक्तिशाली एंटी पनडुब्बी युद्धपोतों में से इसे एक माना जा सकता है।

     आईएनएस क्लिटन के शामिल होने से भारतीय नौसेना के पूर्वी बेड़े के एएसडब्ल्यू क्षमता में एक नया आयाम जोड़ देगा। यह युद्धपोत भारतीय नौसेना की बढ़ी हुई बहुआयामी क्षमता को प्रतिबिंबित करती है।

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वीके/पीकेपी/एसकेपी -5081

Ek Panati

 

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PM dedicates All India Institute of Ayurveda to the nation

The Prime Minister, Shri Narendra Modi, today dedicated the All India Institute of  Ayurveda, in New Delhi, to the nation.


Speaking on this occasion, the Prime Minister congratulated the gathering on the celebration of Dhanvantari Jayanti as Ayurveda Divas. He complimented the Ministry of AYUSH for the establishment of the All India Institute of Ayurveda.

The Prime Minister asserted that nations cannot progress unless they value and cherish their history and heritage. Those nations who leave their heritage behind, are destined to lose their identity, he added.

The Prime Minister said that when India was not independent, its knowledge, and its traditions such as Yoga and Ayurveda were belittled. Attempts were even made to reduce the faith that Indians had on them, he added. He said that in the last three years, this situation has changed to quite an extent; and the faith of the people is being restored in the best of our heritage. The pride in our heritage is reflected in the way people gather for Ayurveda Day or Yoga Day, he added.

The Prime Minister said that Ayurveda is not just a medical practice, but encompasses public health and environment health as well. That is why the Government has laid stress on integrating Ayurveda, Yoga and other AYUSH systems into the public healthcare system.

The Prime Minister said that the Government is working towards establishing an Ayurveda hospital in every district of the country. He said that more than 65 AYUSH hospitals have been developed in the last three years.

The Prime Minister said that herbal and medicinal plants can be a significant source of income, globally, and India should leverage its capabilities in this regard. He said the Union Government has approved 100 percent FDI in healthcare systems.

The Prime Minister said that the Government is focused on providing affordable healthcare for the poor. He said the stress has been on preventive healthcare, and improving affordability and access to treatment. He said Swachhata – or cleanliness – is a simple mechanism of preventive healthcare. He said the Union Government has got 5 crore toilets built in three years.

The Prime Minister said that new AIIMS are being established to help the people get better access to healthcare. He mentioned measures such as capping prices of stents and knee implants; and establishment of Jan Aushadhi Kendras for providing medicines at affordable prices.

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PIB : AKT/SH

Monday 16 October 2017

डा. कलाम ने भारत की रक्षा एवं अंतरिक्ष प्रणालियों को आत्म निर्भर बनाने में अग्रणी भूमिका निभाई: उपराष्ट्रपति

स्वच्छ एवं हरित भारत‘ के लिए रैली को झंडी दिखाई

उपराष्ट्रपति श्री एम वेंकैया नायडू ने कहा है कि डा. कलाम ने भारत की रक्षा एवं अंतरिक्ष प्रणालियों को आत्म निर्भर बनाने में अग्रणी भूमिका निभाई। उपराष्ट्रपति आज यहां डा. एपीजे अब्दुल कलाम की 86वीं जयंती के अवसर पर आयोजित समारोहों के एक हिस्से के रूप में ‘स्वच्छ एवं हरित भारत‘ के लिए रैली को झंडी दिखाने के अवसर पर एकत्र जनसमूह को संबोधित कर रहे थे।

उपराष्ट्रपति महोदय ने कहा कि डा. कलाम नाव बनाने वाले के पुत्र थे जो अपने परिवार की आजीविका में मदद करने के लिए बचपन में अखबार बांटा करते थे। उन्होंने कड़ी मेहनता, लगन एवं आत्म विश्वास की बदौलत वहां से भारत के प्रथम नागरिक बनने तक की अविस्मरणीय यात्रा की। उन्होंने कहा कि ‘लोगों के राष्ट्रपति‘ स्कूली छात्रों एवं युवाओं को हमेशा सलाह दिया करते थे कि ‘स्वप्न देखने की हिम्मत करो और आसमान तक पहुंचने की कोशिश करो।‘

उपराष्ट्रपति महोदय ने कहा कि भारत के राष्ट्रपति के उत्कृष्ट पद पर पहुंचने के बावजूद डा. कलाम हमेशा जीवन भर सरल और विनम्र बने रहे तथा उन सबके साथ हमेशा प्यार और गर्मजोशी से मिलते थे जो उनके साथ काम करते थे या उनके परिचित थे, चाहे वे कियी भी पद पर या किसी भी पृष्ठभूमि के क्यों  न रहे हों। उपराष्ट्रपति महोदय ने स्मरण किया कि उन्होंने डा. कलाम से कई अवसरों पर मुलाकात की थी और उनके साथ की गई कोई भी चर्चा उनके लिए सीखने का एक अनुभव होता था।

उपराष्ट्रपति महोदय ने कहा कि डा. कलाम का विजन 2020 तक भारत को एक विकसित देश के रूप में पूरी तरह रूपांतरित होते देखना था और उन्हें भरोसा था कि लोगों की प्रतिभा, लगन और कड़ी मेहनत को देखते हुए भारत के लिए यह दर्जा हासिल करना मुश्किल नहीं था। उपराष्ट्रपति महोदय ने कहा कि डा. कलाम हमेशा कहा करते थे कि ‘मजबूती ही मजबूती का सम्मान करती है‘ और वह भारत को एक अग्रणी आर्थिक शक्ति के रूप में उभरते देखना चाहते थे।

एसकेजे/आरके

Thursday 12 October 2017

विरजवान तुझेसलामभावपूर्ण श्रद्धांजली

वीजमंडळ तथा महापारेषण कंपनीतील 132 के व्ही विज उपकेंद्र साक्री येथील निवृत्त वरिष्ट उपकेंद्र चालक श्री किशोर सदाशीव खैरनार रा रणाळा ता नंदुरबार हल्ली मुक्काम नाशिक यांचे द्वितीय सुपुत्र विरजवान श्री मिलींद किशोर खैरनार हे सन 2004/05 मधे भारतीय सौरक्षण दलात वायुसेनेत जवान म्हणून सेवेत दाखल झाले होते.ते सद्या काश्मीर येथे कार्यरत असतांना आज कर्तव्यपूर्ती बजवित असतांना
आज दि 11 ऑक्टोबर 2017 बुधवार रोजी त्यांना सकाळी 9 वाजता विरमरण आले. वीरत्व प्राप्त झाले. त्यांच्या आत्म्यास चिरशांती लाभों ही भावपूर्ण श्रद्धांजली. त्यांच्या पच्छ्यात आई सुनंदा, वडील किशोरजी खैरनार, मोठे भाऊ मनोज खैरनार( मुंबई पोलीस) , भावजाई धनश्री,    धर्मपत्नी हर्षदा, मुलगी वेदिका 5 वर्ष, मुलगा कृष्णा 2 वर्ष असा परिवार शहीद जवान मिलिंद किशोर खैरनार यांच्या पाठीमाघे आहे. या खैरनार परिवारास हे दुःख पेलण्याचे बळ दयाघन ईश्वर देवो. अशी प्रार्थना. शहीदजवान मिलिंद हे परिवारासह गेली 20 वर्ष साक्री जि धुळे येथे वास्तव्यास होते. साक्री करांशी त्यांचे एक स्नेहपूर्ण असे नाते जोपासलेले आहे, त्यामुळे साक्रीकरांतर्फे मोठा शोक व्यक्त केला जात आहे. विरजवान मिलिंद खैरनार यांचे पूर्ण शिक्षण साक्री येथे झाले आहे. पहिली पासून ते बारावी पर्यंत न्यू इंग्लिश स्कूल साक्री येथे त्यांनी एक आदर्श विद्यार्थी म्हणून लौकिक मिळविलेला आहे. या वीरपुत्र शहीदजवान दिवंगत मिलिंद किशोर खैरनार यांना मानाचा मुजरा व सलाम
खैरनार परिवाराच्या दुःखात विज उद्द्योगातील महावितरण, महापारेशन,महानिर्मिती कंपन्यातील सर्व अधिकारी, कर्मचारी, कामगार , अभियंते , सर्व संघटना , पतसंस्था व् त्यातील पदाधिकारी ,साक्री तालुक्यातील सर्व जनता जनार्दन सहभागी आहोत

विरजवान तुझे सलाम
भारतमाता कि जय

शहीद मिलिंद खैरनार अमर रहे, अमर रहे

अनिल पवार व परिवार साक्री

Electrical buses & cars cannon replace existing fuel buses & cars - Col Ranbir Lamba

Electrical buses & cars cannon replace existing fuel buses & cars

Only good for short range with lesser passengers
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Advantages of an Electric Car

An electric car is a great way for you, as a consumer, to save a lot of money on gas. However, there are so many different reasons why you should invest in an electric car in the modern day of technology.

1. No Gas Required: Electric cars are entirely charged by the electricity you provide, meaning you don’t need to buy any gas ever again. Driving fuel based cars can burn a hole in your pocket as prices of fuel have gone all time high. With electric cars, this cost can be avoided as an average American spends $2000 – $4000 on gas each year. Though electricity isn’t free, an electric car is far cheaper to run.

2. Savings: These cars can be fuelled for very cheap prices, and many new cars will offer great incentives for you to get money back from the government for going green. Electric cars can also be a great way to save money in your own life.

3. No Emissions: Electric cars are 100 percent eco-friendly as they run on electrically powered engines. It does not emit toxic gases or smoke in the environment as it runs on clean energy source. They are even better than hybrid cars as hybrids running on gas produce emissions. You’ll be contributing to a healthy and green climate.

4. Popularity: EV’s are growing in popularity. With popularity comes all new types of cars being put on the market that are each unique, providing you with a wealth of choices moving forward.

5. Safe to Drive: Electric cars undergo same fitness and testing procedures test as other fuel powered cars. In case an accident occurs, one can expect airbags to open up and electricity supply to cut from battery. This can prevent you and other passengers in the car from serious injuries.

6. Cost Effective: Earlier, owing an electric car would cost a bomb. But with more technological advancements, both cost and maintenance have gone down. The mass production of batteries and available tax incentives have further brought down the cost, thus, making it much more cost effective.

7. Low Maintenance: Electric cars runs on electrically powered engines and hence there is no need to lubricate the engines. Other expensive engine work is a thing of past. Therefore, the maintenance cost of these cars has come down. You don’t need to send it to service station often as you do a normal gasoline powered car.

8. Reduced Noise Pollution: Electric cars put curb on noise pollution as they are much quieter. Electric motors are capable of providing smooth drive with higher acceleration over longer distances.

Many owners of electric cars have reported positive savings of up to tens of thousands of dollars a year. Considering the demand for oil will only be going up as the supplies run out, an electric car will most likely be the normal mode of transportation in the coming future. Companies like Nissan and Tesla offer great electric models with an outstanding amount of benefits for people who decide to invest. You’ll be saving not only yourself, but also your family a huge amount of money. The environmental impact of an electric car is zero, as well – meaning you’re reducing your carbon footprint and positively affecting the economy.


Electrique_car

Disadvantages of an Electric Car

Although the evidence of the positives has become very clear, there are also some downsides that each individual needs to consider before they decide to make an electric car their next big investment. These reasons are:

1. Recharge Points: Electric fuelling stations are still in the development stages. Not a lot of places you go to on a daily basis will have electric fuelling stations for your vehicle, meaning that if you’re on a long trip and run out of a charge, you may be stuck where you are.

2. Electricity isn’t Free: Electric cars can also be a hassle on your energy bill if you’re not considering the options carefully. If you haven’t done your research into the electric car you want to purchase, then you may be making an unwise investment. Sometimes electric cars require a huge charge in order to function properly – which may reflect poorly on your electricity bill each month.

3. Short Driving Range and Speed: Electric cars are limited by range and speed. Most of these cars have range about 50-100 miles and need to be recharged again. You just can’t use them for long journeys as of now, although it is expected to improve in future.

4. Longer Recharge Time: While it takes couple of minutes to fuel your gasoline powered car, an electric car take about 4-6 hours to get fully charged. Therefore, you need dedicated power stations as the time taken to recharge them is quite long.

5. Silence as Disadvantage: Silence can be a bit disadvantage as people like to hear noise if they are coming from behind them. An electric car is however silent and can lead to accidents in some cases.

6. Normally 2 Seaters: Most of the electric cars available today are small and 2 seated only. They are not meant for entire family and a third person can make journey for other two passengers bit uncomfortable.

7. Battery Replacement: Depending on the type and usage of battery, batteries of almost all electric cars are required to be changed every 3-10 years.

8. Not Suitable for Cities Facing Shortage of Power: As electric cars need power to charge up, cities already facing acute power shortage are not suitable for electric cars. The consumption of more power would hamper their daily power needs.

9. Some governments do not provide money saving initiatives in order to encourage you to buy an electric car.

10. Some base models of electric cars are still very expensive because of how new they are and the technology it took to develop them.

Just because there is a variety of factors doesn’t mean they have to be overwhelming. Doing a fair bit of research into different models, and maybe even hybrids, will help you make an accurate decision moving forward. However, no matter how you look at it, an electric car can save our precious environment.